नई दिल्ली, 28 फरवरी: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को ही दिल्ली की सीबीआई कोर्ट में पेश किया। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि कार्ति चिदंबरम जांच के समय जवाबों को टाल रहे हैं। उन्होंने सबूतों के संबंध में गलत बयान दिए हैं, जिसकी वजह से जांच में देरी हो रही है। वहींं कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को एक दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा है।
इधर, कार्ति चिदंबरम के सीए एस भास्कर रमन को सीबीआई पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पिछले साल 15 मई को सीबीआई ने कार्ति के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी, भ्रष्ट और अवैध काम के लिए धन लेने, सरकारी कर्मचारी को निर्णय बदलने के लिए प्रभावित करने और आपराधिक दुराचार के मामले दर्ज किए थे।
बता दें कि कार्ति चिदंबरम के अकाउंटेंट को शुक्रवार (16 फरवरी) को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले अदालत ने पूर्व मीडिया शख्सियत इंद्राणी मुखर्जी को आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। सीबीआई की दो दिन की अभिरक्षा समाप्त होने के बाद उन्हें विशेष न्यायाधीश सुनील राणा के समक्ष पेश किया गया।
कार्ति चिदंबरम पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कथित रूप से मुम्बई के आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से हरी झंडी दिलाने के नाम पर 3. 5 करोड़ रुपये लिए थे। उस समय आईएनएक्स मीडिया को इंद्राणी मुखर्जी और पीटर संचालित कर रहे थे। ये दोनों शीना बोरा हत्याकांड में आरोपी हैं।
दर्ज एफआईआर में पी चिदंबरम का उल्लेख नहीं है, यद्यपि मामले के अनुसार उन्होंने 18 मई 2007 को एफआईपीबी बैठक में कंपनी में 4.62 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को एफआईपीबी स्वीकृति दी थी। हालांकि कार्ति ने आरोपों को सिरे से गलत बताया है।