Kartarpur Corridor: करतारपुर गलियारे के उद्घाटन पर भारत-पाकिस्तान के बीच तकनीकी बैठक ‘जीरो प्वाइंट’ पर शुरू
By भाषा | Updated: August 30, 2019 11:30 IST2019-08-30T09:31:23+5:302019-08-30T11:30:34+5:30
सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल अनुमति लेनी होगी। करतारपुर साहिब की स्थापना गुरू नानक देव ने 1522 में की थी। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल ने साप्ताहिक ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘करतारपुर गलियारे पर तनकीकी बैठक कल जीरो प्वाइंट पर होगी।’’

Kartarpur Corridor: करतारपुर गलियारे के उद्घाटन पर भारत-पाकिस्तान के बीच तकनीकी बैठक ‘जीरो प्वाइंट’ पर शुरू
भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच करतारपुर गलियारे को लेकर तकनीकी बैठक ‘जीरो प्वाइंट’ पर शुरू हुई। इससे पहले पाकिस्तान ने पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार (29 अगस्त) को एक बयान जारी किया था। जिसमें कहा था कि करतारपुर गलियारा खोलने पर एक तकनीकी बैठक 30 अगस्त को जीरो प्वाइंट पर होगी।
यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा तथा भारतीय सिख तीर्थयात्रियों की वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा। सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल अनुमति लेनी होगी।
करतारपुर साहिब की स्थापना गुरू नानक देव ने 1522 में की थी। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल ने साप्ताहिक ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘करतारपुर गलियारे पर तनकीकी बैठक कल जीरो प्वाइंट पर होगी।’’
Technical meeting between India and Pakistan on Kartarpur Corridor to be held today at the Zero Point of #KartarpurCorridor. https://t.co/sYvY8Io6bd
— ANI (@ANI) August 30, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने पाकिस्तान के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और करतारपुर साहिब गलियारे पर तकनीकी बैठक जीरो प्वाइंट पर 30 अगस्त को आयोजित की जा रही है।’’ जीरो प्वाइंट वह बिंदु है जहां गलियारे का भारतीय हिस्सा और पाकिस्तानी हिस्सा मिलेंगे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान करतारपुर साहिब गलियारे को पूरा करने और उसका उद्घाटन करने के लिए प्रतिबद्ध है जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने ऐलान किया था।’’ पाकिस्तान और भारत गुरु नानक के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर 12 नवंबर को लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में गलियारे के उद्घाटन के संबंध में अब भी तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं। यह गलियारा 1947 में भारत की आजादी के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा मुक्त गलियारा भी होगा।