कर्नाटकः पेजावर मठ के प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामी की राजकीय सम्मान के साथ आखिरी विदाई, सीएम येदियुरप्पा भी पहुंचे
By भाषा | Updated: December 29, 2019 15:22 IST2019-12-29T15:22:31+5:302019-12-29T15:22:31+5:30
27 अप्रैल, 1931 को रामाकुंज में जन्मे स्वामीजी ने 3 दिसंबर, 1938 को सांसारिक सुखों का त्याग करने और धर्म के मार्ग पर चलने का फैसला कर लिया था और संन्यासी बन गए थे।

कर्नाटकः पेजावर मठ के प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामी की राजकीय सम्मान के साथ आखिरी विदाई, सीएम येदियुरप्पा भी पहुंचे
कर्नाटक में पेजावर मठ के प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामी का रविवार को निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को दोपहर में बेंगलुरु में लाया जाएगा और आज शाम बेंगलुरु के विद्यापीठ मठ आश्रम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। उन्हें सीएम बीएस येदियुरप्पा की उपस्थिति में राजकीय सम्मान दिया गया।
दक्षिण भारत के प्रमुख धार्मिक गुरुओं में से एक, 88 वर्षीय स्वामी जी को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के चलते कुछ दिन पहले मनिपाल स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था और रविवार सुबह उनका निधन हो गया। वह पेजावर मठ के 33वें प्रमुख थे। वह विश्व हिंदू परिषद के रामजन्मभूमि आंदोलन से भी करीब से जुड़े रहे थे। कर्नाटक सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार यहां उनके द्वारा ही स्थापित विद्यापीठ में किया जाएगा।
शनिवार रात को उनके कई अंग काम करना बंद कर दिया था, जिसके बाद उन्हें उडुपी के पेजवार मठ ले जाया गया, जैसा कि स्वामीजी ने पहले इसको लेकर अपनी इच्छा जतायी थी। वहाँ से, स्वामीजी के शव को बाद में आठ सदी पुराने उडुपी के श्रीकृष्ण मठ ले जाया गया।
Karnataka: State honours given to Pejavara Mutt Seer Vishwesha Teertha Swami, earlier today in Udupi. Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa was present. https://t.co/xcCfFuLLb8pic.twitter.com/MWOliWBKD7
— ANI (@ANI) December 29, 2019
27 अप्रैल, 1931 को रामाकुंज में जन्मे स्वामीजी ने 3 दिसंबर, 1938 को सांसारिक सुखों का त्याग करने और धर्म के मार्ग पर चलने का फैसला कर लिया था और संन्यासी बन गए थे। स्वामीजी को उनकी सामाजिक पहल के लिए सम्मानित किया गया था, जिसमें दशकों पहले दलित कॉलोनियों का दौरा करना भी शामिल था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने स्वामी विश्वेश तीर्थ के निधन पर संवेदना प्रकट की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामीजी लाखों लोगों के दिलों में हमेशा बने रहेंगे। बीमार चल रहे 88 वर्षीय स्वामी विश्वेश तीर्थ का रविवार को निधन हो गया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘उडुपी के श्री पेजावर मठ के श्री विश्वेश तीर्थ स्वामीजी उन लाखों लोगों के दिलो-दिमाग में बने रहेंगे, जिनके लिए वह हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका में रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अध्यात्म और सेवा के शक्तिपुंज थे और उन्होंने अधिक न्यायपूर्ण और करुणामय समाज के लिए लगातार काम किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं अपने आपको भाग्यशाली मानता हूं कि श्री विश्वेश तीर्थ स्वामीजी से कई बार सीखने का मौका मिला। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हमारी हाल की मुलाकात भी यादगार है। उनका असाधारण ज्ञान हमेशा ही ध्यान आकर्षित करने वाला रहा। उनके अनगिनत अनुयायियों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।’’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘स्वामीजी के निधन से हिंदू धर्म ने एक प्रमुख मार्गदर्शक खो दिया।’’ उन्होंने दलितों के साथ ‘सहभोजन’ किया था, जो हिंदू धर्म में असमानता की आवाज को कम करने के लिए एक कदम था। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा, ‘‘हिंदू धर्म के उत्थान में उनका योगदान अमर है। यह दुखद है कि वे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साक्षी नहीं बन सकें।’’