कर्नाटक में संकटः विधानसभा अध्यक्ष ने MLA आर. शंकर, रमेश जरकिहोली और महेश कुमथल्ली को अयोग्य करार दिया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 25, 2019 08:47 PM2019-07-25T20:47:54+5:302019-07-25T20:47:54+5:30

इससे पहले रमेश जरकिहोली और महेश कुमथल्ली के बारे में स्पीकर रमेश कुमार ने कहा था कि उन्होंने (दोनों विधायक) मुझे कभी सूचित नहीं किया कि वे 6 जुलाई को मेरे कक्ष में आए थे। उन्होंने एक गलत प्रारूप में इस्तीफा दिया, मैंने अपने सचिव को उनके पत्र लेने का निर्देश दिया था।

Karnataka Speaker KR Ramesh Kumar: MLAs(Rebel Congress MLAs) Ramesh L Jarkiholi and Mahesh Kumathalli have also been disqualified under anti defection law of the 10th schedule. | कर्नाटक में संकटः विधानसभा अध्यक्ष ने MLA आर. शंकर, रमेश जरकिहोली और महेश कुमथल्ली को अयोग्य करार दिया

कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर ने तीन विधायकों को अयोग्य करार दिया है।

Highlights225 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत के लिए 20 विधायक सदन में उपस्थित नहीं हुए थे।मुख्यमंत्री एच. डी. कुमार स्वामी विश्वास मत हासिल नहीं कर सके, उन्होंने बताया कि विश्वास मत के पक्ष में 99 जबकि इसके खिलाफ 105 मत पड़े।

कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर ने तीन विधायकों को अयोग्य करार दिया है। इन विधायकों में आर. शंकर, रमेश जरकिहोली और महेश कुमथल्ली के नाम हैं।

इससे पहले रमेश जरकिहोली और महेश कुमथल्ली के बारे में स्पीकर रमेश कुमार ने कहा था कि उन्होंने (दोनों विधायक) मुझे कभी सूचित नहीं किया कि वे 6 जुलाई को मेरे कक्ष में आए थे। उन्होंने एक गलत प्रारूप में इस्तीफा दिया, मैंने अपने सचिव को उनके पत्र लेने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री एच. डी. कुमार स्वामी विश्वास मत हासिल नहीं कर सके। उन्होंने बताया कि विश्वास मत के पक्ष में 99 जबकि इसके खिलाफ 105 मत पड़े।

न्यायालय ने मुझमें जो भरोसा जताया है उसे बरकरार रखूंगा : कर्नाटक विस अध्यक्ष

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने गुरुवार को कहा कि वह अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करेंगे और उच्चतम न्यायालय ने जो भरोसा उनमें दिखाया है उसे वह बरकरार रखेंगे। कुमार को बागी विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता संबंधी याचिका पर फैसला करना है।

उन्होंने कहा कि बागी विधायकों को उनके समक्ष उपस्थित होने का अब और मौका नहीं मिलेगा और अब यह अध्याय बंद हो चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘कानून सबके लिये समान है। चाहे वह मजदूर हो या भारत का राष्ट्रपति।’’ कुमार ने कहा, ‘‘हां--अदालत ने (इस्तीफे पर फैसला करने को) मेरे विवेक पर छोड़ा है। मेरे पास विवेकाधिकार है।

मैं उसी अनुसार काम करूंगा और उच्चतम न्यायालय ने मुझमें जो भरोसा दिखाया है उसे बरकरार रखूंगा।’’ उन्होंने कहा कि बागी विधायकों के उनके समक्ष उपस्थित होने के लिये अब और विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उन्हें बुलाया था और वे नहीं आए। उनके वकील आए थे और कहा है कि उन्हें जो करना था, यह अध्याय बंद हो चुका है।’’ भाजपा कर्नाटक में सरकार बनाने का दावा पेश करने की जल्दबाजी में नहीं है क्योंकि 15 बागी विधायकों की किस्मत अधर में लटक रही है।

विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफों या दो पार्टियों की ओर से उन्हें अयोग्य ठहराने के लिये दी गई याचिका पर फैसला करना है। उन्होंने अपने अगले कदम के बारे में कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं बताया। उन्होंने कहा कि जब विधायक संविधान के अनुच्छेद 190 (3) और 35 वें संशोधन के अनुसार फैसला करते हैं तो विधानसभा अध्यक्ष जांच के लिये उन्हें बुला सकता है।

कुमार ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें बुलाया था, लेकिन वे नहीं आए। बात खत्म।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह विधायकों को एक और नोटिस जारी करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘क्या मेरे पास कोई काम नहीं है---मैंने एकबार उन्हें मौका दिया था, वे नहीं आए, मामला वहीं खत्म होता है।

कानून मजदूर से लेकर राष्ट्रपति तक सबके लिये समान है। सबके लिये अलग-अलग संविधान नहीं है।’’ इस बीच, भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त विधेयक पर चर्चा के लिये बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की। इसे 31 जुलाई से पहले विधानसभा से पारित होना है। 

Web Title: Karnataka Speaker KR Ramesh Kumar: MLAs(Rebel Congress MLAs) Ramesh L Jarkiholi and Mahesh Kumathalli have also been disqualified under anti defection law of the 10th schedule.

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे