कर्नाटकः अब सुप्रीम कोर्ट पहुंची JDS, BJP से प्रोटेम स्पीकर चुनने पर हड़कंप
By खबरीलाल जनार्दन | Published: May 18, 2018 07:44 PM2018-05-18T19:44:41+5:302018-05-18T20:31:13+5:30
राज्यपाल वजुभाई वाला के भारतीय जनता पार्टी के विधायक केजी बोपैया के प्रोटेम स्पीकर चुनने के फैसले के खिलाफ जनता दल सेक्यूलर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
बेंगलुरु, 18 मईः राज्यपाल वजुभाई वाला के भारतीय जनता पार्टी के विधायक केजी बोपैया के प्रोटेम स्पीकर चुनने के फैसले के खिलाफ जनता दल सेक्यूलर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। जेडीएस ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली है। इसमें कांग्रेस भी उसके साथ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।
Lawyers representing Congress side reach the Registrar Office of Supreme Court, seeking an urgent hearing on the appointment of KG Bopaiah as pro-tem speaker of Karnataka assembly. pic.twitter.com/YR55gYQqnD
— ANI (@ANI) May 18, 2018
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद आनन-फनन में राज्यपाल वजुभाई वाला ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बोपैया को प्रोटेम स्पीकर चुना था। शनिवार (19 मई) को कर्नाटक विधानसभा में बीएस येदियुरप्पा बहुमत साबित करेंगे। इस दौरान बीजेपी के बोपैया सदन की अध्यक्षत व संचालन करेंगे।
बापैया बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं। वह फिलहाल विराजपेट से बीजेपी के विधायक हैं। इससे पहले 2008 में भी वह प्रोटेम स्पीकर रह चुके हैं। उस वक्त भी प्रदेश में त्रिशंकु जनादेश आए थे।
Big set back for Congress. BJPs KG Bopaiah nominated as pro term speaker. Round one goes to BJP. Governor nominated 5 term MLA Bopaiah over 8 term MLA Deshpande from Congress. Rule is that MLA with highest terms becomes pro term speaker. pic.twitter.com/h3LIny0F36
— Nagarjun Dwarakanath (@nagarjund) May 18, 2018
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में 15 मई को रिजल्ट आने पर 222 विधानसभा सीट वाले कर्नाटक में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस व उसके सहयोगी दल बीएसपी को 38 सीटें मिली थीं। बहुमत के लिए जरूरी 112 सीटें हैं। (जरूर पढ़ेंः इनसाइड स्टोरी, येदियुरप्पा के बहुमत परीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी और कांग्रेस ने रखीं ये दलीलें)
कांग्रेस ने पहले ही जेडीएस को समर्थन दे दिया है। लेकिन सबसे ज्यादा सीटें पाने वाली पार्टी बीजेपी को पहले सरकार बनाने का मौका दिया गया है। बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री की शपथ ले ली है।