कर्नाटक: बप्पनाडु मंदिर के मेले में मुस्लिमों को लगातार दूसरे साल नहीं मिली दुकान लगाने की इजाजत

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 7, 2023 05:47 PM2023-04-07T17:47:43+5:302023-04-07T17:54:38+5:30

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के मुल्की स्थित प्रसिद्ध बप्पानाडु मंदिर के मेले में लगातार दूसरे साल मुस्लिम दुकानदारों की दुकानें लगाने की इजाजत नहीं दी गई।

Karnataka: Muslims denied permission to set up shop at Bappanadu temple fair for the second year in a row | कर्नाटक: बप्पनाडु मंदिर के मेले में मुस्लिमों को लगातार दूसरे साल नहीं मिली दुकान लगाने की इजाजत

साभार- ट्विटर

Highlightsकर्नाटक में एक बार फिर मंदिर मेले में मुस्लिम दुकानदारों को नहीं दी गई दुकान लगाने की इजाजतदक्षिण कन्नड़ जिले के मुल्की स्थित प्रसिद्ध बप्पानाडु मंदिर के समिति ने दूसरे साल नहीं दी इजाजतमान्यता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में एक मुस्लिम व्यापारी ने ही करवाया था

बेंगलुरु: कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के मुल्की स्थित प्रसिद्ध बप्पानाडु मंदिर के मेले में लगातार दूसरे साल मुस्लिम दुकानदारों को दुकान लगाने की इजाजत नहीं दी गई। जानकारी के अनुसार बप्पनाडु मंदिर मेले से मुस्लिम व्यापारियों को बाहर रखने की अपील स्थानीय निवासियों ने किया। जिसके बाद मंदिर समिति ने इस संबंध में आदेश पारित किया है।

मंदिर समिति द्वारा इस संबंध में आदेश निकालने से स्पष्ट हो गया है कि मंदिर के वार्षिक मेले में मुस्लिम व्यापारियों की दुकानें नहीं लगेंगी। इस मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि स्थानीय लोगों का कहना है कि 12वीं शताब्दी में बप्पानाडु मंदिर का निर्माण एक मुस्लिम व्यापारी ने ही करवाया था।

समाचार वेबसाइट द न्यूज मिनट के अनुसार बप्पानाडु मंदिर समिति के प्रमुख दुगन्ना सावंत ने इस संबंध में कहा, "मंदिर समिति ने स्थानीय लोगों के आग्रह पर यह फैसला लिया है कि मंदिर के वार्षिक मेले में इस साल भी मुस्लिम व्यापारियों को दुकान लगाने के लिए मंदिर की भूमि नहीं दी जाएगी।"

बप्पनडु मंदिर, जिसे दुर्गा परमेश्वरी मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर और इसके मेले में न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम और ईसाई धर्म को मानने वाले लोग भी आस्था रखते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना एक मुस्लिम व्यापारी बप्पा बेरी ने कराई थी, क्योंकि एक उनकी नाव शांभवी नदी में फंस गई थी और दंत कथाओं के अनुसार उस समय उसे देवी दुर्गा का दर्शन हुआ। जिसके बाद उसकी नाव शांभवी नदी से सुरक्षित निकल गई। जिसके बाद उस मुस्लिम व्यापारी ने देवी दुर्गा की पूजा के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया था।

मंदिर समिति द्वारा मेले में मुस्लिम दुकानदारों को फिर से प्रतिबंधित किये जाने पर मंगलुरु के एक मुस्लिम व्यापारी उमर ने कहा, "मुस्लिम व्यापारियों का एक समूह 5 अप्रैल से 12 अप्रैल तक चलने वाले होने वाले बप्पानाडु मंदिर के मेले में अपना माल बेचने की मांग को लेकर गुरुवार को मंदिर गया था। उम्मीद है कि मंदिर समिति मुस्लिम व्यापारियों को मेले से प्रतिबंधित करने वाले अपने फैसले पर विचार करेगी और हमें भी मेले में व्यापार करने की अनुमति देगी।"

लेकिन अब खबर आ रही है कि मंदिर समिति ने मुस्लिम व्यापारियों की अपील को ठुकरा दिया है। समिति ने कहा कि वे 2002 के एक कानून के कारण मुस्लिम व्यापारियों को मेले में दुकान लगाने की अनुमति नहीं देने के लिए बाध्य हैं। उस नियम में स्पष्ट लिखा है कि गैर-हिंदुओं को मंदिरों के भीतर और आसपास संपत्ति को पट्टे पर नहीं दिया जा सकता है।

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