कर्नाटक: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जेडीएस-बीजेपी में हुआ गठबंधन, 30 सितंबर के बाद सीटों की घोषणा हो सकती है
By अनुभा जैन | Published: September 8, 2023 06:36 PM2023-09-08T18:36:32+5:302023-09-08T18:37:44+5:30
विधानसभा चुनाव में भारी झटका झेलने वाली बीजेपी और जेडीएस आगामी लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे के साथ आ गई हैं। वे कांग्रेस को उचित सबक सिखाने के लिए कमर कस रहे हैं, जो जीत के बाद अति आत्मविश्वास में है।

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जेडीएस-बीजेपी में हुआ गठबंधन
बेंगलुरु: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कर्नाटक में जेडीएस-बीजेपी के बीच गठबंधन हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने आज बेंगलुरु में मीडिया से कहा कि भाजपा-जेडीएस गठबंधन आगामी 2024 लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और अधिकांश सीटों के आवंटन को अंतिम रूप दे दिया गया है।
विधानसभा चुनाव में भारी झटका झेलने वाली बीजेपी और जेडीएस आगामी लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे के साथ आ गई हैं। वे कांग्रेस को उचित सबक सिखाने के लिए कमर कस रहे हैं, जो जीत के बाद अति आत्मविश्वास में है। सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
मालूम हो कि उस मौके पर लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन को लेकर चर्चा हुई थी। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच चुनावी तालमेल को लेकर अनौपचारिक चर्चा हुई। बातचीत के दौरान देवेगौड़ा ने शाह से जेडीएस को पांच लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ने की इजाजत देने की मांग की। दूसरे शब्दों में कहें तो उन्होंने जेडीएस से हासन, मांड्या, मैसूर, चिक्काबल्लापुर, तुमकुर और बेंगलुरु ग्रामीण इलाकों में उनका समर्थन करने को कहा है। कहा गया है कि इस हिस्से में जद(एस) का दबदबा है।
सूत्रों ने बताया कि अमित शाह ने आने वाले दिनों में मैसूर और मांड्या लोकसभा सीटों के तालमेल पर चर्चा कर फैसला लेने का संदेश दिया है। अगर देवेगौड़ा की मांग मान ली जाती है तो बीजेपी आलाकमान 30 सितंबर के बाद स्पष्ट फैसले की घोषणा करेगा। नेताओं के बीच बातचीत लगभग फलदायी रही है, केवल आधिकारिक घोषणा बाकी है।
इसके अलावा, पिछले विधानसभा चुनाव में भले ही बीजेपी को पुराने मैसूर इलाके में अपेक्षित सीट नहीं मिली थी, लेकिन कांग्रेस को इस बात का फायदा हुआ कि वोट प्रतिशत के मामले में बीजेपी और जेडीएस का पलड़ा भारी हो गया। कहा जा रहा है कि बीजेपी और जेडीएस अपनी गलतियों से सीख लेकर गठबंधन या अंदरूनी समझौते के बारे में सोच रहे हैं। यह ज्ञात रहे कि भाजपा नेताओं ने जेडीएस के साथ गठबंधन के फायदे और नुकसान पर चर्चा की और अंत में गठबंधन का समर्थन किया।
बीजेपी-जेडीएस गठबंधन पर पूर्व सीएम जगदीश शेट्टर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दो असहाय लोग हमेशा एक साथ आते हैं, एक तरफ जेडीएस कमजोर है और दूसरी तरफ बीजेपी कमजोर है। ऐसे में दोनों के लिए गठबंधन अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में दोनों एक दूसरे से लड़े थे और अब फिर से गठबंधन की बात कर रहे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस का उदय हो रहा है। बीजेपी के कई नेता कांग्रेस का रुख कर चुके हैं।
शेट्टर ने कहा कि उडुपी के बिंदूर विधायक सुकुमार शेट्टी कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि लोकसभा चुनाव तक बड़े पैमाने पर राजनीतिक ध्रुवीकरण होगा।
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कर्नाटक की 28 सीटों में से 25 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार इतनी सीटों पर जीत का माहौल नहीं है। ऐसे में बीजेपी जेडीएस के साथ गठबंधन कर कर्नाटक में ज्यादा सीटें जीतने की योजना बना रही है। इस प्रकार, चुनाव में 28 निर्वाचन क्षेत्रों में से, भाजपा ने केवल उन 15 से 18 निर्वाचन क्षेत्रों पर अधिक जोर देने का फैसला किया है जो चुनाव जीतेंगे, शेष निर्वाचन क्षेत्रों को जेडीएस के लिए छोड़ दिया है।
दोनों पार्टियों के नेताओं ने हिसाब लगाया है कि अगर बीजेपी और जेडीएस के वोट एकजुट हो गए तो कांग्रेस के लिए सरेंडर करना आसान हो जाएगा। बीजेपी 20 से 22 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की सोच रही है। बताया जा रहा है कि 6 से 8 सीटों पर जेडीएस उम्मीदवार उतारने की बात हुई है। ऐसी संभावना है कि लोकसभा चुनाव से पहले जिला पंचायत और तालुक पंचायत चुनाव से गठबंधन की शुरुआत हो जाएगी।