कर्नाटक: महिला कॉलेज के वॉशरूम वीडियो रिकॉर्डिंग मामले में महिला आयोग की सदस्य ने कहा, "घटना को सांप्रदायिक रंग न दिया जाए"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 27, 2023 13:42 IST2023-07-27T13:36:07+5:302023-07-27T13:42:10+5:30

उडुपी में प्राइवेट कॉलेज के लड़कियों के वॉशरूम में मोबाइल फोन से वीडियो रिकॉर्ड करने के मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने बेहद सख्ती दिखाते हुए कहा कि इसे कोई भी सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास न किया जाए।

Karnataka: "Incident should not be given a communal colour", says women's commission member in washroom video recording case | कर्नाटक: महिला कॉलेज के वॉशरूम वीडियो रिकॉर्डिंग मामले में महिला आयोग की सदस्य ने कहा, "घटना को सांप्रदायिक रंग न दिया जाए"

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsकॉलेज में लड़कियों के वॉशरूम में वीडियो रिकॉर्ड मामले की जांच करने महिला आयोग पहुंचा महिला आयोग की सदस्य ने कहा कि यह महिलाओं की गरिमा का प्रश्न है, सांप्रदायिक रंग न दिया जाएउन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग केवल समुदाय विशेष की महिला की सुरक्षा के लिए नहीं हैं

उडुपी:कर्नाटक के उडुपी में एक प्राइवेट कॉलेज के लड़कियों के वॉशरूम में मोबाइल फोन से वीडियो रिकॉर्ड करने के मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने बेहद सख्ती दिखाते हुए कहा कि ये सिर्फ और सिर्फ महिलाओं की गरिमा से खेलने का सवाल है, इसलिए कृपया इसे कोई भी सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास न करे।

महिला आयोग की सदस्य खुशबू सुंदर ने इस संबंध में उडुपी के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक करके पूरे मामले में अब की हुई प्राशासनिक पढ़ताल की जानकारी ली। इस बैठक के बाद उन्होंने उडुपी उपायुक्त के सभागार में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ''राष्ट्रीय महिला आयोग यहां समुदाय विशेष की महिला की सुरक्षा के लिए नहीं हैं। कृपया इस मामले को कोई सांप्रदायिक रंग न दें। हमें यह पता लगाना होगा कि यह मामला क्यों वायरल हुआ है।"

उन्होंने कहा, “कल मुझे कॉलेज भी जाना है और इस घटना के बारे में और जानने के लिए प्रबंधन से बात करनी है। इस घटना को लेकर कई फर्जी वीडियो प्रसारित हो रहे हैं और जो वीडियो प्रसारित हो रहे हैं उनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है। पुलिस के पास कोई वीडियो साक्ष्य उपलब्ध नहीं है और छात्र के मोबाइल फोन पर भी कोई वीडियो नहीं मिला। इस मामले में संबंधित मोबाइल फोन अब पुलिस के पास हैं और कुछ भी नहीं मिला है।”

उडुपी के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के साथ बातचीत के आधार पर उन्होंने कहा कि पुलिस ने पहले ही तीन मोबाइलों से डेटा एकत्र कर लिया है, जिसे फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। अगर फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी को कोई सबूत मिलता है तो घटना और वीडियो के बारे में स्पष्टता मिल सकेगी। यदि उपयुक्त साक्ष्य नहीं है तो आरोप पत्र दाखिल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बिना किसी सबूत के किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है।

महिला आयोग की सदस्य खुशबू सुंदर ने पत्रकारों से कहा कि अब की जांच के आधार पर फिलहाल हम कह सकते हैं कि वे छात्राएं सिर्फ आरोपी हैं। इस मामले में शामिल तीन छात्राओं को निलंबित कर दिया गया है। वॉट्सऐप पर ऐसे मैसेज चल रहे हैं कि इस मामले का आतंकी लिंक है। अभी यह मत सोचिए कि घटना के पीछे कोई बड़ी थ्योरी या कोई बड़ी कहानी है। आयोग इस तरह की अटकलें नहीं लगा सकता है।

उन्होंने कहा कि महिला आयोग और पुलिस अपना कर्तव्य निभा रही है। इस केस में युवा दिमाग शामिल हैं। मामले की ठीक से जांच होनी चाहिए और जांच से पहले किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए। महिला आयोग इस मामले में कोई सांप्रदायिक रंग देने नहीं आया है। यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक संगठन है। हम बिना किसी राजनीतिक दबाव या सांप्रदायिक प्रभाव के जांच करेंगे। अभी तक, हमारे पास कोई सबूत उपलब्ध नहीं है, कोई फ़ोटो या वीडियो उपलब्ध नहीं है।

Web Title: Karnataka: "Incident should not be given a communal colour", says women's commission member in washroom video recording case

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