Karnataka: "अगर विधानसभा में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगा होगा तो सख्त एक्शन लूंगा", मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 29, 2024 10:16 AM2024-02-29T10:16:31+5:302024-02-29T10:18:46+5:30
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि अगर जांच में विधानसौध के अंदर "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाए जाने के आरोप सही पाए गए तो गंभीर कार्रवाई की जाएगी।
बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीते बुधवार को कहा कि अगर जांच में विधान सौध के अंदर "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाए जाने के आरोप सही पाए गए तो गंभीर कार्रवाई की जाएगी।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार बीते मंगलवार शाम में राज्यसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कथिततौर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जीत दर्ज करने वाले सैयद नसीर हुसैन का स्वागत करते हुए "नसीर जिंदाबाद" के साथ-साथ "पाकिस्तान जिंदाबाद" का नारा लगाया था।
इस मामले में विवाद उस समय उठा, जब हुसैन के समर्थकों के जश्न के वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया और आरोप सामने आ गया कि कुछ लोगों ने हुसैन की जीत की खुशी में कथिततौर पर "पाकिस्तान जिंदाबाद" का नारा लगाया।
इन्हीं आरोपों के संबंध में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और अगर इस घटना में सत्यता पायी जाती है तो किसी को बख्शने का सवाल ही नहीं उठता।
उन्होंने कहा, "यह सिर्फ बीजेपी का ही नहीं बल्कि मीडिया का भी आरोप है। इसलिए हम मामले की गंभीरता से जांच करा रहा हैं और यही कारण है कि सरकार ने वीडियो की सत्यता परखने के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) को भेजा है।"
मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर एफएसएल रिपोर्ट से यह साबित होता है कि वाकई पाकिस्तान के पक्ष में लगाया गया है तो इस संबंध में गंभीर कार्रवाई की जाएगी। पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाने वालों को बचाने का कोई सवाल ही नहीं है।''
इस बीच घटना के बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधान सौधा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और मंगलवार को "अज्ञात व्यक्तियों" के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। हालांकि शिकायत दर्ज होने के एक दिन बाद पुलिस ने कहा कि उन्हें नारे सुनने का कोई गवाह नहीं मिला है।
इस मुद्दे ने बुधवार को कर्नाटक विधानमंडल के दोनों सदनों में हंगामा मचाया। भाजपा विधायकों के सदन के वेल में पहुंचने से पहले विधानसभा को दो बार स्थगित करना पड़ा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी।
इस विवाद को लेकर विधान परिषद में भाजपा केएन रवि कुमार और कांग्रेस के अब्दुल जब्बार के बीच लगभग झड़प भी हो गई, जब जब्बार ने सभापति बसवराज होरत्ती से कहा कि रवि कुमार को "अपना मुंह बंद करने" के लिए कहा जाए। उनकी यह टिप्पणी केएन रवि कुमार द्वारा कांग्रेस सरकार को "राष्ट्र-विरोधी" बताए जाने के बाद आई है।
विधानसभा में इस मुद्दे पर जवाब देते हुए, गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा, “भाजपा देश के लिए कांग्रेस की देशभक्ति पर संदेह उठा रही है जब उसने देश को आजादी दिलाने के लिए प्रयास किया था। क्या हमें उनसे यह सीखना चाहिए कि दूसरों से स्वतंत्रता क्या होती है? कांग्रेस के लोगों ने आजादी की खातिर अपने प्राणों की आहुति दी। क्या देशभक्ति वहां से नहीं आई?''
परमेश्वर इस बात से सहमत थे कि आज की कांग्रेस पहले से अलग है। उन्होंने कहा, "लेकिन हमारे दिल और आत्मा 1885 के बाद से नहीं बदले हैं, जब स्वतंत्रता के लिए संघर्ष शुरू हुआ था।"