Hijab Row: शुक्रवार और रमजान में हिजाब पहनने की दें अनुमति- मुस्लिम लड़कियों ने अदालत से कही यह बात, जानें छात्राओं के वकील ने कुरान पर क्या बोला

By आजाद खान | Updated: February 18, 2022 09:53 IST2022-02-18T09:24:59+5:302022-02-18T09:53:27+5:30

Hijab Row: इस मामले में वकील विनोद कुलकर्णी ने यह दलील दी कि हिजाब मुद्दे के कारण देश में एक ‘‘सामूहिक उन्माद’’ है।

karnataka Hijab Row Allow wearing hijab Friday Ramadan month Muslim girls told high court know what student lawyer said Quran | Hijab Row: शुक्रवार और रमजान में हिजाब पहनने की दें अनुमति- मुस्लिम लड़कियों ने अदालत से कही यह बात, जानें छात्राओं के वकील ने कुरान पर क्या बोला

Hijab Row: शुक्रवार और रमजान में हिजाब पहनने की दें अनुमति- मुस्लिम लड़कियों ने अदालत से कही यह बात, जानें छात्राओं के वकील ने कुरान पर क्या बोला

Highlightsहिजाब प्रतिबंध को लेकर मुस्लिम लड़कियों ने कोर्ट से अपील की है।उनका कहना है कि शुक्रवार और रमजान में हिजाब पहनने की इजाजत मिलनी चाहिए।लड़कियों के वकील ने कहा हिजाब पर प्रतिबंध यानी पवित्र कुरान पर प्रतिबंध के समान है।

बेंगलुरु: हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ लड़ रही मुस्लिम लड़कियों ने गुरूवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय से अपील की कि उन्हें कम से कम शुक्रवार और रमजान के महीने में हिजाब पहनकर कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी जाए। उन्होंने दावा किया कि हिजाब पर प्रतिबंध पवित्र कुरान पर प्रतिबंध लगाने के बराबर है। आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद चल रहा है जो अब यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। 

उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में हिजाब विवाद से संबंधित सभी याचिकाओं पर विचार लंबित रखते हुए पिछले सप्ताह सभी विद्यार्थियों को कक्षा के भीतर भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब पहनने और कोई भी धार्मिक ध्वज लाने से रोक दिया था।

शुक्रवार और रमजान में हिजाब पहनने की मिले इजाजत- लड़कियों के वकील

 न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति जे. एम. काजी और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ के समक्ष मुस्लिम लड़कियों की ओर से पेश हुए वकील विनोद कुलकर्णी ने कहा, ‘‘गरीब मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के कारण पीड़ित हैं। मैं अदालत से लड़कियों को शुक्रवार (मुसलमानों के लिए जुम्मे का दिन) और रमजान के पवित्र महीने के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति देने का आदेश पारित करने का अनुरोध करता हूं।’’ 

कुलकर्णी ने दलील दी कि हिजाब मुद्दे के कारण देश में एक ‘‘सामूहिक उन्माद’’ है। उन्होंने कहा कि हिजाब ‘‘स्वास्थ्य या नैतिकता के खिलाफ नहीं है।’’ 

हिजाब पर प्रतिबंध यानी पवित्र कुरान पर प्रतिबंध के समान है- वकील विनोद कुलकर्णी

कुलकर्णी के अनुसार, हिजाब पर प्रतिबंध पवित्र कुरान पर प्रतिबंध लगाने के समान है। गौरतलब है कि उडुपी के एक कॉलेज की छह छात्राओं ने एक जनवरी को ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफआई) द्वारा शहर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में भाग लिया था, जिसमें कॉलेज के अधिकारियों द्वारा हिजाब पहनकर उन्हें कक्षा में प्रवेश से वंचित करने का विरोध किया गया था। 

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