कर्नाटक चुनाव 2018: ‘पिंक बूथ’, 3rd जनरेशन EVM सहित कई नई चीजें पहली बार की गई शामिल
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: May 12, 2018 14:31 IST2018-05-12T14:31:21+5:302018-05-12T14:31:21+5:30
कर्नाटक में पूरी तरह से महिलाओं द्वारा प्रबंधित ‘पिंक बूथ’ से लेकर तीसरी पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल सहित प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार कई नयी चीजें हो रही हैं।

कर्नाटक चुनाव 2018: ‘पिंक बूथ’, 3rd जनरेशन EVM सहित कई नई चीजें पहली बार की गई शामिल
बेंगलुरू, 12 मई। कर्नाटक में पूरी तरह से महिलाओं द्वारा प्रबंधित ‘ पिंक बूथ ’ से लेकर तीसरी पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल सहित प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार कई नयी चीजें हो रही हैं। देश के सूचना प्रौद्योगिकी गढ़ बेंगलुरू में चुनाव अधिकारियों ने 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखते हुए कई पहल किए हैं।
छेड़छाड़ के लिहाज से ईवीएम के संवेदनशील होने के विवाद के गहराने के साथ चुनाव आयोग इस बार ‘ एम 3 ईवीएम ’ लेकर आया है जिसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। छेड़छाड़ की किसी भी कोशिश पर ईवीएम काम करना बंद कर देते हैं।
#KarnatakaElection2018: ಕೋಲಾರ ಜಿಲ್ಲೆಯಾದ್ಯಂತ ಪಿಂಕ್ ಮತಗಟ್ಟೆಗಳಲ್ಲಿ ಭರ್ಜರಿಯಾಗಿ ಮತ ಚಲಾಯಿಸುತ್ತಿರುವ ಮಹಿಳೆ ಮತ್ತು ಪುರುಷರು
— DD Chandana News (@DDChandanaNews) May 12, 2018
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चुनाव आयोग ने प्रायोगिक आधार पर बेंगलुरू के पांच विधानसभा क्षेत्रों - राजाराजेश्वरी नगर , शिवाजीनगर , शांतिनगर , गांधीनगर और राजाजी नगर में नयी मशीनें लगायी हैं। राजाराजेश्वरी में 28 मई को मतदान कराया जाएगा ।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के सूत्रों के अनुसार इन मशीनों में बैट्री की स्थिति दिखेगी एवं डिजिटल प्रमाणन सहित अन्य विशेषताएं होंगी। मशीन में किसी तरह की खराबी होने पर मशीन वह भी बताएगी।
महिला उन्मुख कदम उठाते हुए 450 ‘पिंक बूथ ’ स्थापित किए हैं जिन्हें ‘सखी ’ नाम दिया गया है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने मैसुरू , चमराजनगर और उत्तर कन्नड़ जिलों में जातीय मतदान बूथ स्थापित किए हैं जो वहां के आदिवासी जन जीवन की शैली से मिलते जुलते हैं।