कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018: ना बीजेपी, ना कांग्रेस, जेडीएस बनाएगी कर्नाटक में सरकार और ये होंगे मुख्यमंत्री!

By खबरीलाल जनार्दन | Updated: May 7, 2018 17:52 IST2018-05-07T17:40:23+5:302018-05-07T17:52:59+5:30

कर्नाटक इलेक्‍शन सर्वेः ओपीनियन पोल कर्नाटक में त्रिशंकू जनादेश आने की बात कह रहे हैं। ऐसा हुआ तो इतिहास के पन्ने दुहाई दे रहे हैं सीएम बीजेपी या कांग्रेस का नहीं होगा।

Karnataka Election 2018 bs yeddyurappa siddaramaiah hd kumaraswamy bjp congress jds | कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018: ना बीजेपी, ना कांग्रेस, जेडीएस बनाएगी कर्नाटक में सरकार और ये होंगे मुख्यमंत्री!

Karnataka Assembly Election 2018

बैंगलोर, 7 मईः कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 की वर्तमान परिस्थितियां, पार्टियों में अंदरखाने हो रही चर्चाओं और चुनाव से पहले हुए ओपीनियन पोल्स में यह जाहिर हो रहा है कि वहां किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने जा रहा है। दोनों ही प्रमुख पा‌र्टियों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए तीसरी पार्टी जनता दल (सेकूलर) से गठबंधन करना होगा। लेकिन इतिहास के पन्ने दुहाई दे रहे हैं अगर जेडीएस गठबंधन में जाएगी तो मुख्यमंत्री उनका होगा।

बात 2004 की है। कर्नाटक में कुल 65 फीसदी मतदान हुए थे। तब सबसे ज्यादा वोट कांग्रेस को मिला था, 35.2 फीसदी मत। लेकिन कांग्रेस को कुल 65 सीटें ही जीतीं थी। जबकि 28.3 प्रतिशत वोट पाने वाली बीजेपी 79 सीटें जीती थीं। लेकिन ये दोनों ही सरकार बनाने सक्षम नहीं थीं। सरकार बनाने के लिए दोनों पार्टियां 20.7 फीसदी वोट से 58 सीटें जीतने वाली पार्टी जेडीएस की। और उसे यह अहसास भी हो गया।

साल 2004 में केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने जीत दर्ज की थी। यानी केंद्र में यूपीए की सरकार थी। लिहाजा कर्नाटक में जेडीएस, कांग्रेस के साथ चली गई। और कांग्रेस-जेडीएस के गठबंधन ने धर्म सिंह की अगुआई में सरकार बना ली। लेकिन इस 1 साल 245 दिन चली सरकार में लगातार यह विवाद रहा कि जेडीएस अपने मुखिया को सीएम बनाना चाहती है। आखिरकार हुआ भी यही। 28 जनवरी 2006 को जेडीएस ने कांग्रेस की सरकार गिरवा कर बीजेपी के साथ सरकार बना ली।

कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद जेडीएस भूल गई थी बीजेपी को दिया वायदा

साल 2006 में बीजेपी-जेडीएस के गठबंधन में यह तय हुआ कि दोनों मिलकर सरकार बनाएंगे। और एक नीयत साल के अंतराल पर दोनों पा‌र्टियां अपने-अपने मुख्यमंत्री देंगी। नतीजतन 3 फरवरी 2006 को सबसे कम सीटें जीतने वाली जेडीएस के मुखिया एचडी कुमारस्वामी की अगुआई में कर्नाटक में सरकार बनी। यह 1 साल 253 दिन तक चली। लेकिन जब बारी आई बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री देने की तो जेडीएस ने हाथ खींच लिए। मसौदे के मुताबिक दोनों अपने सीएम देने थे। कुमारस्वामी इसमें सीएम बने भी। लेकिन जब बीएस येदियुरप्पा सीएम बने तो 7 दिन में जेडीएस ने उनकी सरकार गिरा दी।

अब जब एक बार फिर से कर्नाटक में ऐसे ही ‌त्रिशंकू जनादेश आने की संभावनाएं जताई जा रही हैं तो जेडीएस की भूमिका महती हो गई है। लेकिन कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पिछले कांड से सीख लेते हुए अभी से यह प्रचारित कर रही हैं कि वे जेडीएस के साथ सरकार किसी हाल में नहीं बनाएंगी।

कर्नाटक के सीएम बन सकते हैं कुमारस्वामी

ऐसे में कर्नाटक में अगर किसी का स्पष्ट बहुमत न आया तो दोबारा चुनाव हो सकता है। लेकिन एचडी देवगौड़ा गठजोड़ के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। पिछली बार की तरह ही एचडी कुमारस्वामी किसी भी तरह से मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं गंवाना चाहेंगे। अगर कांग्रेस के साथ बात बनी तो साम्प्रदायिक शक्तियों को सत्ता से दूर रखने के पताके पर वह सत्ता में आना चाहेंगे। अगर बीजेपी से बात पक्की हुई तो राज्य को राष्ट्रपति शासन और अस्थिरता से बचाने के लिए यह कदम उठा सकते हैं।

कुमारस्वामी हर जगह ऐसे बयान भी दे रहे हैं कि वे किंगमेकर नहीं किंग बनेंगे।

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