कर्नाटकः कांग्रेस ने विधायकों के इस्तीफे के लिए BJP को ठहराया जिम्मेदार, कहा- सरकार है सुरक्षित
By भाषा | Updated: July 3, 2019 05:53 IST2019-07-03T05:53:43+5:302019-07-03T05:53:43+5:30
जदएस के एक मंत्री ने यह कहते हुए मोदी और शाह को क्लीनचिट दी कि वे राज्य की राजनीति में शामिल नहीं हैं। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया पार्टी को एकजुट रखने में जुट गये हैं। वह सोमवार से असंतुष्ट विधायकों से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं जो ‘कमजोर’ समझे जा रहे हैं।

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अपने दो विधायकों के इस्तीफे के एक दिन बाद कर्नाटककांग्रेस मंगलवार को नुकसान की भरपाई में जुट गयी जब उसने असंतुष्ट विधायकों से संपर्क साधने की कोशिश की और कहा कि जनता दल सेकुलर (जदएस) के साथ उसकी सरकार सुरक्षित है। दोहरे झटके झेलने वाली कांग्रेस ने भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर 13 माह पुरानी एच डी कुमारस्वामी सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
भाजपा ने इस आरोप को खारिज कर दिया। उधर, जदएस के एक मंत्री ने यह कहते हुए मोदी और शाह को क्लीनचिट दी कि वे राज्य की राजनीति में शामिल नहीं हैं। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया पार्टी को एकजुट रखने में जुट गये हैं। वह सोमवार से असंतुष्ट विधायकों से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं जो ‘कमजोर’ समझे जा रहे हैं।
दरअसल ऐसी चिंता है कि कथित रूप से भाजपा के संपर्क में चल रहे कुछ और विधायक आनंद सिंह और रमेश जारकिहोली के पदचिह्नों पर जा सकते हैं। सिंह और जारकिहोली ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भेजा था।
इस घटनाक्रम से जदएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार को दोहरा झटका लगा है और उसके स्थायित्व पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। सिद्धरमैया ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ ... यह भाजपा की साजिश है। वे (भाजपा के लोग) ही ऐसे लोग हैं जो हमारे विधायकों को प्रलोभन देने का प्रयत्न कर रहे हैं। उनमें सत्ता की लालसा है इसलिये वे ऐसे प्रयास कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘ अमित शाह खुद ही यह कर रहे हैं। प्रधानमंत्री भी इसमें शामिल हैं। इस सरकार को गिराने के लिए वे धन और सत्ता (में हिस्सेदारी) की पेशकश कर रहे हैं।’’ वह जदएस नेता और उच्च शिक्षा मंत्री जी टी देवेगौड़ा के बयान के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे।
देवेगौड़ा ने कहा था, ‘‘ वे (प्रधानमंत्री और शाह) यह सोच रहे हैं कि राष्ट्र के लिए क्या किया जाए, कश्मीर मुद्दे पर क्या किया जाए, अमेरिका और चीन से कैसे निपटा जाए। मोदी ने पांच जुलाई को किसानोन्मुखी बजट पेश करने का वादा किया है। किसी को भी भाजपा नेतृत्व को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए।’’
रोचक बात यह है कि जदएस नेता और मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने सोमवार को भाजपा पर उनकी सरकार को अस्थिर करने का दिवास्वप्न देखने का आरोप लगाया था। भाजपा ने कांग्रेस के आरोप का खंडन किया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी एस येद्दयुरप्पा ने कहा कि यह सत्तारूढ़ दल के अंदर के मतभेद को छिपाने की कोशिश है। कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन के पास अध्यक्ष के अलावा 118 विधायक (कांग्रेस 78, जदएस 37, बसपा 1, निर्दलीय 2) हैं।
भाजपा के पास 105 विधायक हैं। यदि दो विधायकों के इस्तीफे को मंजूर कर लिया जाता है तो सदन में गठबंधन का संख्याबल घटकर 116 रह जाएगा। सामान्य बहुमत 113 होता है। सिद्धरमैया ने हालांकि कहा, ‘‘ मैं फोन पर उनसे (सिंह और जारकिहोली से) संपर्क नहीं कर पाया। मैं उनसे बात करूंगा और उन्हें समझाऊंगा। मेरे हिसाब से कोई विधायक नहीं जाएगा, सरकार शत प्रतिशत सुरक्षित है।’’