कर्नाटकः येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लगाई रोक, शुक्रवार को होगी अगली सुनवाई
By आदित्य द्विवेदी | Published: May 17, 2018 01:28 AM2018-05-17T01:28:10+5:302018-05-17T05:39:05+5:30
Karnataka Midnight Drama: कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया है। इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस और जेडी(एस) ने सुप्रीम कोर्ट में आधी रात को याचिका दायर की है।
नई दिल्ली, 17 मईः कांग्रेस-जेडी(एस) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बीएस येदियुरप्पा की शपथ ग्रहण पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक गुरुवार दोपहर दो बजे तक विधायकों की लिस्ट मांगी गई है। शुक्रवार सुबह 10.30 बजे इस मामले पर आगे की सुनवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद बीएस येदियुरप्पा सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
यह याचिका कांग्रेस ने कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला के उस फैसले के खिलाफ दायर की थी जिसमें बीजेपी विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच इस याचिका पर सुनवाई कर रही है। इस बेंच में जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए बोबडे शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पक्ष रखेंगे।
Midnight Drama: कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक सुनवाई, पल-पल बदला घटनाक्रम
Live Updates:-
- सुप्रीम कोर्ट ने बीएस येदियुरप्पा की शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। गुरुवार दोपहर 2 बजे तक विधायकों की लिस्ट सौंपने के लिए कहा गया है। इसके बाद शुक्रवार सुबह 10.30 बजे इस मामले पर अगली सुनवाई होगी। बीजेपी कर्नाटक ने ट्वीट किया-
Good Morning Karnataka!
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) May 16, 2018
In a few hours from now, Sri @BSYBJP will be sworn in as Chief Minister as per your wishes.
While we will start a golden chapter in the history of Karnataka, the people of India, like the SC, will reject Congress's mercy petition.#DemoracyWins
- सुप्रीम कोर्ट ने बीएस येदियुरप्पा की शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सभी पार्टियों को नोटिस जारी किया है। अभी लिखित रूप से कोई फैसला नहीं आया है और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है।
Supreme Court did not dismiss the petition filed by Congress and JD(S), said, "this petition is a subject of hearing later on". SC also issued a notice to respondents including BJP's BS Yeddyurappa, asking to file a reply pic.twitter.com/2fBrUDSRDm
— ANI (@ANI) May 16, 2018
- सुप्रीम कोर्ट ने एजी वेणुगोपाल से पूछा है कि बहुमत कहां से लाएंगे। वेणुगोपाल ने कहा कि ये तो नहीं पता लेकिन सात दिन में ही बहुमत साबित कर देंगे।
- बीजेपी की तरफ से दलील पेश कर रहे वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह मामला रात में सुना ही नहीं जाना चाहिए। अग कोई शपथ ले लेता तो कयामत नहीं आ जाएगी। आखिरी बार सुप्रीम ने रात में उस वक्त सुनवाई की थी जब याकूब मेमन की फांसी का मामला था।
- बीजेपी की तरफ से पूर्व एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल के फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती। राज्यपाल को पार्टी भी नहीं बनाया जा सकता।
- कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमारे पास 117 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास सिर्फ 104 विधायक हैं। बीजेपी बहुमत कैसे साबित करेगी?
- पूर्व एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि कर्नाटक में राज्यपाल ने कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। अगर वो बहुमत साबित नहीं कर पाते तो दूसरी पार्टी को मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि गोवा में हालात कुछ और थे। वहां कांग्रेस ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की थी।
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया, 'इससे पता चलता है कि न्याय कभी नहीं सोता। दुनिया की कौन सी अदालत इस हद तक पहुंच देती है।'
Three-judge bench of Justice AK Sikri, Justice Ashok Bhushan and Justice Gobde to hear Congress & JD(S) petition challenging Karnataka Governor's decision at 1:45 am #KarnatakaElections
— ANI (@ANI) May 16, 2018
संविधान विशेषज्ञों की राय
जाने-माने संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ने एएनआई से कहा, 'संविधान ने किसी को भी मुख्यमंत्री नियुक्त करने की शक्ति राज्यपाल को दी है। यह पूरी तरीके से राज्यपाल के विवेक पर निर्भर करता है। राज्यपाल से सिर्फ यह अपेक्षा की जा सकती है कि वो उसे ही चुने जो सदन में अपना बहुमत साबित कर सके।' सुभाष कश्यप ने कहा कि राज्यपाल के निर्णय को चुनौती नहीं दी जा सकती। जहां तक बहुमत का प्रश्न है तो यह विधानसभा में साबित होगा ना कि राजभवन में।
#WATCH Constitutional expert Subhash Kashyap says, "Governor's decision can't be challenged. As far as the question of which party has the majority is concerned, it can be proven only on the floor of the house, not at the Raj Bhavan or by submitting any list" #KarnatakaElectionspic.twitter.com/lw87hvGSBG
— ANI (@ANI) May 16, 2018
राज्यपाल के फैसले को कांग्रेस ने बताया शर्मनाक
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं अमित शाह जी से पूछना चाहता हूं। अगर चुनाव के बाद दो पार्टी गठबंधन नहीं कर सकते तो आपकने गोवा और मणिपुर में सिंगल लार्जेस्ट पार्टी को दरकिनार करके सरकार कैसे बनाई?'
जेडीएस नेता एचडी कुमारास्वामी ने कहा है कि कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय देकर राज्यपाल ने हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा दिया है। यह गैरसंवैधानिक है। हम आगे के निर्णय पर चर्चा करेंगे।