कर्नाटक विधानसभा चुनावः बसपा ने 133 उम्मीदवार खड़े किए और एक भी सीट नहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने जिम्मेदार लोगों को फटकार लगाई और जनाधार बढ़ाने की हिदायत दी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 23, 2023 03:22 PM2023-05-23T15:22:33+5:302023-05-23T15:23:20+5:30
Karnataka Assembly Elections: हाल में सम्पन्न कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बसपा ने कुल 133 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये थे लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिल सकी।
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने हाल में सम्पन्न कर्नाटक राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारियों को कैडर के आधार पर पार्टी का जनाधार बढ़ाने की हिदायत दी है।
मायावती ने मंगलवार को यहाँ पार्टी के वरिष्ठ एवं जिम्मेदार पदाधिकारियों के साथ बैठक में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा की। इस दौरान बसपा प्रमुख ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार पर सख्त नाराजगी जतायी और कहा कि हर राज्य में पार्टी की तैयारी इस तरह से होनी चाहिए कि चुनाव में माहौल चाहे किसी भी पार्टी के पक्ष में हो मगर बसपा की स्थिति अच्छी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरफ खास ध्यान देने की जरूरत है।
पार्टी द्वारा यहां जारी एक बयान के मुताबिक मायावती ने बैठक के दौरान कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी स्तर से रह गयी कमियों की तरफ ध्यान दिलाते हुए पदाधिकारियों से कैडर के आधार पर पार्टी के जनाधार को बढ़ाने की हिदायत दी। गौरतलब है कि हाल में सम्पन्न कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बसपा ने कुल 133 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये थे लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिल सकी।
वर्ष 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा को एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। मायावती ने बैठक में पदाधिकारियों को हिदायत दी कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को इस बात के लिये जागरूक करें कि बसपा के हाथ में सत्ता आने पर ही बाबा साहब डाक्टर भीमराव आंबेडकर के सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के मिशन के अनुरूप शोषित और वंचित समाज को अपने पैरों पर खड़ा किया जा सकता है।
बसपा मुखिया ने कहा कि खासकर दलित व मुस्लिम समाज को सत्ता में अपनी उचित भागीदारी और अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर अब काफी सजग व सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि कर्नाटक में इन वर्गों के लोगों ने भी एकजुट होकर कांग्रेस को वोट देकर जिताया है, मगर सरकार बनते समय इन वर्गों की उपेक्षा की गई। उन्होंने कहा, ‘‘इससे यही सबक मिलता है कि कर्नाटक ही नहीं, बल्कि देश भर में इन वर्ग के लोगों को इस कड़वी सच्चाई को समझ कर आगे की तैयारी करने की जरूरत है।’’