Karnataka Assembly Elections 2023: सिद्धारमैया ने सीएम पद को लेकर कहा, "डीके शिवकुमार से कोई मतभेद नहीं, हमारी चाहत एक है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 21, 2023 22:14 IST2023-04-21T22:08:40+5:302023-04-21T22:14:01+5:30
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के प्रदेश प्रमुख डीके शिवकुमार और अपने बीच चल रही अदावत की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि डीके शिवकुमार और वो भाजपा को हराने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं।

फाइल फोटो
बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से चुनावी युद्ध में आगे बढ़कर पार्टी की अगुवाई करने वाले नेताओं में से एक और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी में प्रदेश प्रमुख डीके शिवकुमार और अपने बीच चल रही अदावत की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि डीके शिवकुमार और वो भाजपा को हराने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं।
सिद्धारमैया ने शुक्रवार को बेहद साफ शब्दों में कहा, "राजनीतिक रूप से मेरे और डीके शिवकुमार के बीच कोई मतभेद नहीं है। चूंकि शिवकुमार भी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और मैं भी आखिरी बार प्रदेश की कमान संभालना चाहता हूं तो केवल इस नाते हम दोनों की चाहत एक है लेकिन कांग्रेस जैसी लोकतांत्रिक पार्टी में एक से अधिक लोगों का एक ही पद के लिए महत्वाकांक्षा रखना गलत नहीं माना जाता है। वो भी दावेदार हैं और मैं भी दावेदार हूं। पार्टी में चुनाव बाद आपसी राय और विधायकों की सहमति से सब कुछ तय हो जाएगा और उसी आधार पर आलाकमान सीएम पद का फैसला लेगा।"
इसके साथ ही सिद्धारमैया ने सत्ताधारी पार्टी भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेहद तीखा हमला करते हुए कहा कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत से जीत रही है और यहां पर भाजपा का 'मोदी फैक्टर' धरा का धरा रह जाएगा क्योंकि पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समुदाय एकमुश्त कांग्रेस को वोट देने जा रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा ये कोई लोकसभा चुनाव नहीं है कि लोग प्रधानमंत्री मोदी की बातों को सुनेंगे। यह चुनाव विशुद्ध रूप से स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जा रहा है और कांग्रेस इस चुनाव में भारी जीत के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हारने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक बनकर उभरेगी।
75 साल के सिद्धायरमैया ने कहा एक बार फिर इस बात को दोहराया कि यह उनकी चुनावी लड़ाई है। इसलिए वो उम्मीद कर रहे हैं कि सूबे के 90 फीसदी मुस्लिम मतदाता कांग्रेस को जरूर समर्थन देंगे क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर चल रही है। सिद्धारमैया ने राज्य कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार के साथ किसी भी तरह के मतभेद से स्पष्ट इनकार किया और यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री पद की बात बाद में होगी फिलहाल न तो वो और न डीके शिवकुमार को पद की ख्वाहिश है।
दिल्ली बनाम कर्नाटक की सियासत पर सिद्धारमैया ने कहा कि यह चुनाव मुख्य रूप से स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जा रहा है। कांग्रेस पार्टी केवल स्थानीय मुद्दों और विकास की बातों को उठा रही है लेकिन यह लड़ाई मोदी बनाम राहुल इसलिए नजर आ रही है क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर दोनों दलों और नेताओं के बीच मुख्य रूप से सांप्रदायिक और धर्मनिरपेक्ष राजनीति के लिए जंग हो रही है और कांग्रेस हमेशा की तरह धर्म निरपेक्षता के साथ खड़ी है वहीं भाजपा उग्र हिंदू राष्ट्रवाद की खेती कर रही है।
यही कारण है कि कर्नाटक के मुसलमानों ने फैसला किया है कि राज्य में भाजपा के उग्र हिंदुत्ववाद को खत्म करने के लिए कांग्रेस पार्टी का साथ देंगे और यहीं पर जिस तरह से हिजाब, हलाल और लाउडस्पीकर के मुद्दे पर भाजपा ने राजनीति की है। मुसलमानों का पूरा समर्थन कांग्रेस पार्टी के साथ है क्योंकि वो इस बात को अच्छे से जानते हैं कि कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जो अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा कर सकती है।
उन्होंने राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि कर्नाटक के लोगों को राहुल गांधी से बहुत उम्मीदें हैं। भारत जोड़ो यात्रा के बाद पूरे देश में उनकी छवि बढ़ी है। कर्नाटक के लोगों भी उम्मीद कर रहे हैं 2024 में राहुल गांधी भाजपा और नरेंद्र मोदी को हराकर देश के प्रधानमंत्री बनें। राहुल गांधी कर्नाटक की सियासत को अच्छे से समझते हैं। इसलिए वो सभी को एक साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ने और भाजपा को कर्नाटक की सत्ता से बेदखल करने की बात कर रहे हैं।
सिद्धारमैया ने बातचीत के अंत में कहा कि उनके हिसाब से राज्य की कुल 224 सीटों में से अकेले कांग्रेस को 120 से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं और यह भी हो सकता है कि कांग्रेस अपने दम पर 150 सीटों तक पहुंच सकती है क्योंकि इस बार सियासी हवा कांग्रेस के पक्ष में है।