Karnataka Assembly Elections 2023: भाजपा में बगावत के सुर हुए गहरे, पार्टी ने जगदीश शेट्टर को किया दिल्ली तलब
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 17, 2023 19:37 IST2023-04-12T14:06:50+5:302023-04-17T19:37:34+5:30
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी ने सूबे की कुल 224 सीटों में से 189 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा तो कर दी है लेकिन कई सीटों पर बगावत के डर से अभी तक प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं हुआ है।

फाइल फोटो
बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव मौजूदा सत्ताधारी पार्टी भाजपा के लिए काटों की राह साबित हो रहा है। मौजूदा हालात में भाजपा के लिए जितनी दिक्कतें विपक्षी दल कांग्रेस नहीं पैदा कर रही है, उससे ज्यादा खुद भाजपा के नेता पैदा कर रहे हैं। परेशानी का आलम यह है कि गुरुवार 13 अप्रैल से प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करना है लेकिन विधानसभा की कई ऐसी सीटें जिन पर भाजपा अपने प्रत्याशियों का फैसला नहीं कर पायी है।
बीते मंगलवार को भाजपा ने सूबे की कुल 224 सीटों में से 189 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा तो कर दी लेकिन पार्टी अभी तक शिवमोग्गा और हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीटों के लिए किसी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। यह दोनों सीटें क्रमशः पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर की पारंपरिक सीटें हैं।
केएस ईश्वरप्पा ने तो भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखकर बाकायदा चुनावी राजनीति से ‘संन्यास’ का ऐलान कर दिया है लेकिन माना जा रहा है कि वो अपने बेटे केई कांतेश के लिए पार्टी से शिवमोग्गा से टिकट मांग रहे हैं। शिवमोग्गा में पेंच इस कारण से फंस गया है क्योंकि एक अन्य प्रभावशाली नेता अयानुर मंजूनाथ ने ऐलान कर दिया है कि कि वो कर्नाटक विधान परिषद से इस्तीफा देकर शिवमोग्गा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।
मंजूनाथ का कहना है कि मैंने केएस ईश्वरप्पा सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं से कह चुका हूं कि 2023 के विधानसभा चुनाव में मुझे शिवमोग्गा से मौका मिलना चाहिए। हालांकि अगर पार्टी मेरे अनुरोध को ठुकराती है और शिवमोग्गा से ईश्वरप्पा या उनके बेटे केई कांतेश चुनाव लड़ेंगे तो मैं उन्हें अपनी ताकत समझाऊंगा।
इस कारण से पार्टी यह अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि शिवमोग्गा सीट पर केएस ईश्वरप्पा की नाराजगी झेले या मंजूनाथ की।
वहीं दूसरे प्रमुख सीट हुबली-धारवाड़ की बात करें तो यहां से टिकट की दावेदारी ठोंक रहे जगदीश शेट्टर पूर्व मुख्यमंत्री और छह बार भाजपा की टिकट पर विधायक रहे हैं। जगदीश शेट्टर ने आज पत्रकारों से बात करते हुए स्पष्ट कर दिया कि 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वो हुबली-धारवाड़ सीट से टिकट लेकर रहेंगे। हालांकि भाजपा सूत्रों का कहना है कि आलाकमान उन्हें टिकट देने के पक्ष में नहीं है। यही कारण है कि पार्टी ने उन्हें दिल्ली तलब किया है।
दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए शेट्टर ने कहा, "भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुलावा भेजा है और मैं दिल्ली के लिए के लिए रवाना हो रहा हूं। मुझे यकीन है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मेरी बात सुनेगा और मुझे टिकट देगा। मेरे पास दो साल से कैबिनेट पद नहीं है बावजूद इसके मैंने अच्छा काम किया है और पार्टी को परिणाम दिया है। मुझे आलाकमान से सकारात्मक उम्मीद है।"
शेट्टर के इन तर्कों के इतर भाजपा आलाकमान हुबली-धारवाड़ निर्वाचन क्षेत्र से शेट्टार की जगह किसी नए चेहरे को मैदान में उतारना चाहती है। शेट्टर यह कहते हुए बोम्मई मंत्रिमंडल से बाहर हुए थे कि वह मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से वरिष्ठ हैं। पार्टी आलाकमान ने अब विवाद की स्थिति में उन्हें दिल्ली बुलाया है और अब देखना है कि बीएस येदियुर्रपा के बाद लिंगायत समुदाय के ताकतवर नेता शेट्टर आलाकमान की बात मानते हुए अपनी दावेदारी छोड़ते हैं कि पार्टी के भारी सिरदर्द पैदा करते हैं।
माना जा रहा है कि पार्टी अगर उन्हें टिकट के लिए मना करती है तो शेट्टर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं।
67 साल क जगदीश शेट्टर को येदियुरप्पा ने डीवी सदानंद गौड़ा के मुख्यमत्री पद से हटने के बाद 2012 में मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन अगले साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को शेट्टर की अगुवाई में अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा था।