बेंगलुरु: कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी में नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए की जा रही खेमेबंदी के लिए लताड़ लगाते हुए कहा कि पार्टी के नेताओं को आपसी गुटबाजी से दूर रहते हुए और पद की महत्वाकांक्षा के बिना आम लोगों के कल्याण के लिए सोचना चाहिए।
पार्टी प्रमुख खड़गे ने रविवार को कर्नाटक के कोलार में पार्टी द्वारा आयोजित जय भारत रैली में कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं के बीच चुनाव बाद मुख्यमंत्री बनने के लिए की जा रही खेमेबंदी बंद होनी चाहिए, पार्टी के नेता इसके बजाय आम लोगों की समस्याओं पर ध्यान दें।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कोलार रैली में जब यह बात कही तो उस वक्त मंच पर सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार, जी परमेश्वर और एमबी पाटिल भी मौजूद थे, जो सार्वजनिक तौर पर मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा व्यक्त कर चुके हैं। खड़गे ने मंच से कहा, "मैं अपनी पार्टी के नेताओं से कहना चाहता हूं कि मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि आप में से कौन मुख्यमंत्री बनता है। कांग्रेस को कर्नाटक में जीतना ही होगा। मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसकी चिंता न करें। इस विषय को विधायक और आलाकमान पर छोड़ दें। आप केवल लोगों की चिंता करें।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस को कम से कम 150-160 सीटें जीतनी है। और यह असंभव नहीं है। हम पहले भी 130-140 जीत चुके हैं। लोग भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा सरकार से नाराज हैं।" खड़गे ने जगदीश शेट्टार और सत्यपाल मलिक का नाम लेते हुए कहा कि भाजपा के साथ रहने वाले लोग ही भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए खड़गे ने कहा, "वे इसके बारे में कुछ नहीं बोलते हैं लेकिन जहां भी जाते हैं भ्रष्टाचार का नाम लेकर कांग्रेस को कोसते हैं। मोदी और शाह ने नौ साल कांग्रेस से यही पूछने में खत्म कर दिये कि कांग्रेस ने 70 सालों में क्या किया।"
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा के "डबल-इंजन" सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “मोदी ने एक साल में दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था। नौ साल में 18 करोड़ नौकरियां होनी चाहिए थीं। इसके बजाय सार्वजनिक उपक्रमों को बंद किया जा रहा है और अडानी जैसे लोगों को बेचा जा रहा है।”