Karnataka Assembly Elections 2023: कांग्रेस ने शुरू की मंदिर की राजनीति, डीके शिवकुमार ने कहा, "सरकार बनने पर करेंगे अंजनेय स्वामी मंदिरों का पुनर्विकास"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 4, 2023 03:34 PM2023-05-04T15:34:30+5:302023-05-04T15:37:49+5:30
कांग्रेस ने भाजपा द्वारा मतदाताओं के बीच 'बजरंग बली बनाम बजरंग दल' वाली पैदा की जा रही अवधारणा को तोड़ने के लिए चुनाव के सियासी राजनीति में अंजनेय मदिर के पुनर्विकास का बात छेड़ दी है।
बेंगलुरु: कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस और भाजपा की चुनावी रणनीति 'बजरंग दल बनाम बजरंग बली' केंद्रीत होती जा रही है। इस बीच कांग्रेस ने भाजपा द्वारा मतदाताओं के बीच 'बजरंग बली बानम बजरंग दल' वाली पैदा की जा रही अवधारणा को तोड़ने के लिए चुनाव के सियासी राजनीति में अंजनेय मदिर के पुनर्विकास की बात छेड़ दी है।
कांग्रेस इस प्रयास के जरिये भाजपा के 'बजरंग दल' वाले हमले को भोथरा करने प्रयास कर रही है। कांग्रेस अपने चुनावी घोषणा में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा करके भाजपा के चुनावी चक्रव्यूह में फंसती नजर आ रही थी लेकिन अब कांग्रेस ने उसके काट के तौर पर अंजनेय मंदिर के मुद्दा उठाकर भाजपा को उसी की शैली में जवाब देने का प्रयास किया है।
कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा है कि अगर चुनाव के बाद कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलता है तो कांग्रेस की सरकार पूरे कर्नाटक में ऐतिहासिक अंजनेय स्वामी मंदिरों का पुनर्विकास करेगी। शिवकुमार ने गुरुवार को कहा, "कांग्रेस चुनाव जीतने के बाद राज्य के सभी ऐतिहासिक अंजनेय स्वामी मंदिरों के पुनर्विकास के लिए एक विशेष कार्यक्रम लाएगी और अंजनाद्री विकास बोर्ड की स्थापना की जाएगी।"
डीके शिवकुमार ने यह बात कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में किये गये सवाल के जवाब में कही। उन्होंने कहा भाजपा भले ही बजरंग दल प्रतिबंध को मुद्दा बना रही है लेकिन इससे पार्टी को कोई समस्या नहीं होगी और कांग्रेस बहुमत के साथ सत्ता में आने जा रही है।
उन्होंने चामुंडी पहाड़ी पर स्थित मां चामुंडेश्वरी की पूजा अर्चना करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हम कन्नडिगा तो बहुत पहले से अंजनेय के भक्त हैं क्योंकि हमारा मानना है कि अंजनेय का जन्म यहीं हुआ था। हम अंजनेय के प्रति उस भावना को मजबूत करने के लिए वह सब करेंगे, जो आवश्यक होगा। हम प्रत्येक जिला संगठनों में अंजनेय के सिद्धांतों को बनाए रखेंगे ताकि युवाओं को उनके माध्यम से सशक्त बनाया जा सके।"
इसके साथ ही शिवकुमार ने जोर देते हुए कहा, "अंजनेया या बजरंग बली की तुलना कभी भी 'बजरंग दल' से नहीं की जा सकती है, वो एक राजनीतिक संगठन है, जो भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए उपद्रव का काम करा है। बजरंग दल के जो लोग खुद को अंजनेय नाम देते हैं, वो इसे अच्छे से समझ लें कि वो कभी भी भगवान अंजनेय नहीं बन सकते हैं। हम तो केवल उन लोगों को रोकने की बात कर रहे हैं, जो समाज में नैतिका की पुलिसिंग करते हैं और कानून अपने हाथों में लेते हैं।"