Karnataka Assembly Elections 2023: भाजपा को भारी धक्का, जगदीश शेट्टर हुए कांग्रेस में शामिल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 17, 2023 19:29 IST2023-04-16T17:15:41+5:302023-04-17T19:29:21+5:30
कर्नाटक में भाजपा के कद्दावर नेता और लिंगायत समुदाय के प्रभावशाली दिग्गजों में एक कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है।

Karnataka Assembly Elections 2023: भाजपा को भारी धक्का, जगदीश शेट्टर हुए कांग्रेस में शामिल
बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे को लेकर मचे असंतोष के कारण भाजपा को एक के बाद लगातार कई भारी धक्के लग रहे हैं। अभी-अभी मिल रही सूचना के अनुसार भाजपा के कद्दावर नेता और लिंगायत समुदाय के प्रभावशाली दिग्गजों में एक कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। शेट्टर अब हुबली-धारवाड़ विधानसभा सीट की पारंपरिक सीट पर बतौर कांग्रेस उम्मीदवार नामांकन दाखिल करेंगे।
जानकारी के अनुसार जगदीश शेट्टर की कांग्रेस में एंट्री करवाने में एमबी पाटिल और शमनूर शिवशंकरप्पा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उन्होंने शेट्टर से बातचीत के लिए अपने पारिवारिक संबंधों का इस्तेमाल किया। समाचार वेबसाइट डेक्कन हेराल्ड के अनुसार रविवार को जैसे ही शेट्टर ने भाजपा को छोड़ने का ऐलान किया। पाटिल और शिवशंकरप्पा येदियुरप्पा के बाद लिंगायत में दूसरे सबसे महत्वपूर्ण नेता जगदीश शेट्टर के पास पहुंचे और और उन्हें कांग्रेस आने के लिए मनाया।
कांग्रेस चुनावी अभियान समिति के अध्यक्ष एमबी पाटिल ने केंद्रीय नेतृत्व से इजाजत लेकर शेट्टर को कांग्रेस में लाने के लिए विधायक शिवशंकरप्पा को अपने साथ जोड़ा और फिर शेट्टर से बात की। शिवशंकरप्पा दावणगेरे दक्षिण सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।
डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक एमबी पाटिल के बड़े बेटे बसन की सगाई शिवशंकरप्पा की पोती से हुई है, जबकि उनकी बहन की शादी शेट्टर के बेटे से हुई है। इस कारण से शेट्टर को मनाना एमबी पाटिल के आसान हुआ। पाटिल स्थिति पर उस वक्त से कड़ी नजर बनाये हुए थे, जब शेट्टर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने दिल्ली गए, लेकिन उन्होंने शेट्टर को टिकट संबंधी कोई भी आश्वासन देने से इनकार कर दिया। उसके बाद पाटिल और शिवशंकरप्पा ने एक बार फिर शेट्टर को कांग्रेस में लाने के लिए बातचीत शुरू की।
हालांकि शेट्टर ने भाजपा प्रमुख नड्डा से मुलाकात के बाद भी सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह भाजपा के फैसले का पालन करेंगे लेकिन बाद में शेट्टर ने बतौर स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का मन बना लिया था। हालांकि, एमबी पाटिल और शिवशंकरप्पा शेट्टर कांग्रेस में लाने के प्रयास तेज कर दिये थे। खबरों के मुताबिक कांग्रेस में शेट्टर के आने से लिंगायत समुदाय में पार्टी की उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिसे बीएस येदियुरप्पा के प्रभाव के कारण भाजपा का वोट बैंक माना जाता है।
मालूम हो कि इससे पहले कर्नाटक भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे लक्ष्मण सावदी ने टिकट कटने के बाद कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। कांग्रेस ने लक्ष्मण सावदी को उनके पारंपरिक विधानसभा क्षेत्र अथानी से टिकट भी दे दिया था। कर्नाटक चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के बगावती खेमे से न केवल जगदीश शेट्टर और लक्ष्मण सावदी ही बल्कि दर्जनों ऐसे नेता हैं, जो भाजपा की सदस्यता से त्यागपत्र दे चुके हैं। सावदी ने भाजपा से इस कारण इस्तीफा दिया था क्योंकि पार्टी ने अथानी से उनका टिकट काटकर 'ऑपरेशन लोटस' के जरिए कांग्रेस से भाजपा में आये महेश कुमातल्ली को टिकट दिया गया था।