बड़ा खुलासाः फ्लोर टेस्ट में जीत रहे थे येदियुरप्पा, रूम नंबर 402 में कर्नाटक हार गई बीजेपी
By पल्लवी कुमारी | Published: May 23, 2018 05:53 PM2018-05-23T17:53:49+5:302018-05-23T17:53:49+5:30
Karnataka Assembly Election 2018: 104 सीट लेने के बाद बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर तो उभरी लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाई। फ्लोर टेस्ट के पहले बहुमत का दावा करने वाली बीजेपी ने हार मान ली थी।
बेंगलुरु, 23 मई: कर्नाटक विधान सभा चुनाव से पहले जनता दल (सेकुलर) को सभी राजनीतिक जानकार किंगमेकर बनकर उभरने का अनुमान लगा रहे थे। चुनाव नतीजे आने के बाद जेडीएस किंग बनकर उभरी और आखिरकर जेडीएस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख एचडी कुमारस्वामी आज राज्य के 33वें मुख्यमंत्री बन गए हैं। इसी के साथ कर्नाटक का 'नाटक' खत्म हो गया है। कुमारस्वामी दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री राज्य के मुख्यमंत्री बने।
104 सीट लेने के बाद बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर राज्य में उभरी लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाई। फ्लोर टेस्ट के पहले बहुमत का दावा करने वाली बीजेपी के दो दिनों के लिए बने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया। लेकिन क्या आपको पता है कि बीजेपी फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित कर देती, अगर बेंगलुरु के चार सितारा होटल कमरा नंबर 402 में अंतिम मौके पर कांग्रेस के दो गायब चल रहे विधायक आनंद सिंह और प्रताप गौड़ा पाटिल अंतिम मौके पर अपना मन नहीं बदलते।
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चार सितारा होटल कमरा नंबर 402 वही कमरा है, जहां राज्य की राजनीतिक दिशा को सील कर दिया गया था। फ्लोर टेस्ट से कुछ दिन पहले आनंद सिंह और प्रताप गौड़ा पाटिल 48 घंटों से गायब चल रहे थे। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि ये दोनों बीजेपी के साथ हो जाएंगे। खासकर प्रताप गौड़ा पाटिल क्यों कि ये पहले बीजेपी के नेता रह चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक चुनाव में खड़े हुए रेड्डी भाईयों ने इसमें गेम खेल। जिसमें से बीजेपी की ओर से जीते सोमाशेखर रेड्डी ने पाटिल और आनंद सिंह को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर बैठक करने के लिए दिल्ली भी भिजवाया था। यह बैठक फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले 18 मई 2018 को गई थी। बैठक के बाद दिल्ली से शनिवार 19 मई बहुमत परीक्षण वाले दिन ये पाटिल और आनंद सिंह बेंगलुरु लौटे थे।
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जैसे ही शनिवार को ये दोनों नेता बेंगलुरु पहुंचे, सोमाशेखर रेड्डी इन्हें गोल्डफिनच होटल ले गए, जहां कमरा नंबर 402 में बीजेपी और कांग्रेस के समर्थन को लेकर लंबी बात-चीत हुई। होटल में सोमाशेखर ने सिंह और पाटिल को मनाने की काफी कोशिश की। उन्होंने सिंह और पाटिल को लालच भी दिया कि बीजेपी के लिए उनका समर्थन सिर्फ राजनीतिक रूप से ही नहीं बल्कि वित्तीय रूप से भी उनकी मदद करेगा। यहां आनंद सिंह को इस बात की चिंता थी कि अगर उन्होंने बीजेपी का साथ नहीं दिया तो उनके खिलाफ अवैध खनन मामलों को फिर से खोल दिया जाएगा।
वहीं, दूसरी ओर पाटिल यह सुनिश्चित कर चुके थे कि पूरे समय येदियुरप्पा के पास संख्याएं नहीं थीं। जब वह गोल्डफिंच होटल में गए। उन्होंने अपना मन बना लिया था कि वह विधानसभा में जाएंगे और कांग्रेस का साथ देंगे। आनंद सिंह ने भी कांग्रेस का साथ देने का मन बना लिया था। सूत्रों की मानें तो इसी वजह से बहुमत परीक्षण के पहले ही बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया था।
12 मई को कर्नाटक की 224 विधान सभा सीटों में से 222 सीटों के लिए मतदान हुआ। 15 मई को नतीजे आए तो बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटें मिलीं। जेडीएस की साझीदार बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को एक सीट मिली। केपी जनता पार्टी को एक सीट और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिली।
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