मैं इन सिफारिशों से परेशान हूं, स्वयं गणतंत्र के लोकाचार के विपरीत हैंः राजद्रोह कानून को लेकर सिब्बल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 3, 2023 08:44 IST2023-06-03T08:40:37+5:302023-06-03T08:44:32+5:30

आयोग ने तर्क दिया है कि इससे अदालतों को किए गए कृत्य के स्तर और गंभीरता के अनुरूप सजा देने की अधिक गुंजाइश रहेगी। इस रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को लेकर कांग्रेस की कड़ी प्रतिक्रिया आई है।

kapil Sibal Law Commission's recommendations supporting sedition law contrary to foundation of republic | मैं इन सिफारिशों से परेशान हूं, स्वयं गणतंत्र के लोकाचार के विपरीत हैंः राजद्रोह कानून को लेकर सिब्बल

मैं इन सिफारिशों से परेशान हूं, स्वयं गणतंत्र के लोकाचार के विपरीत हैंः राजद्रोह कानून को लेकर सिब्बल

Highlights राजद्रोह कानून का समर्थन करने वाली विधि आयोग की सिफारिशें गणतंत्र की प्रकृति और नींव के विपरीत हैंः सिब्बलविधि आयोग का कहना है कि इसे पूरी तरह से निरस्त करने से देश की सुरक्षा और अखंडता पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

नयी दिल्लीः राज्यसभा सदस्य और पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को दावा किया कि राजद्रोह कानून का समर्थन करने वाली विधि आयोग की सिफारिशें गणतंत्र की प्रकृति और नींव के विपरीत हैं।  विधि आयोग ने राजद्रोह के अपराध संबंधी दंडात्मक प्रावधान का समर्थन करते हुए कहा है कि इसे पूरी तरह से निरस्त करने से देश की सुरक्षा और अखंडता पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।  एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिब्बल ने कहा, “मैं इन सिफारिशों से परेशान हूं। ये सिफारिशें स्वयं गणतंत्र के लोकाचार के विपरीत हैं। वे गणतंत्र के सार के विपरीत हैं, वे गणतंत्र की नींव के विपरीत हैं।” 

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार राजद्रोह पर विधि आयोग की रिपोर्ट पर सभी हितधारकों के साथ परामर्श करने के बाद एक “सुविज्ञ और तर्कपूर्ण” निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में की गई सिफारिशें “सुझाव स्वरूप” हैं न कि “बाध्यकारी”। मेघवाल की टिप्पणी राजद्रोह के मामलों में जेल की न्यूनतम सजा को मौजूदा तीन साल से बढ़ाकर सात साल करने की विधि आयोग की सिफारिश के मद्देनजर आई है। मेघवाल ने ट्विटर पर कहा, “यह रिपोर्ट व्यापक परामर्श प्रक्रिया के चरणों में से एक है। रिपोर्ट में की गई सिफारिशें सुझाव स्वरूप हैं बाध्यकारी नहीं।”

उन्होंने कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला हितधारकों से परामर्श के बाद किया जाएगा। मेघवाल ने कहा, “अब जबकि हमें रिपोर्ट मिल गई है, हम अन्य सभी हितधारकों के साथ भी परामर्श करेंगे ताकि हम जनहित में एक सुविज्ञ और तर्कपूर्ण निर्णय ले सकें।” आयोग ने राजद्रोह के मामलों में कारावास की सजा को कम से कम तीन वर्ष से बढ़ाकर सात वर्ष करने की सिफारिश की है।

आयोग ने तर्क दिया है कि इससे अदालतों को किए गए कृत्य के स्तर और गंभीरता के अनुरूप सजा देने की अधिक गुंजाइश रहेगी। इस रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को लेकर कांग्रेस की कड़ी प्रतिक्रिया आई जिसने भाजपा सरकार पर इसे और “सख्त” बनाने की योजना बनाने और आम चुनावों से पहले यह संदेश देने का आरोप लगाया कि इसका इस्तेमाल विपक्षी नेताओं के खिलाफ किया जाएगा।

Web Title: kapil Sibal Law Commission's recommendations supporting sedition law contrary to foundation of republic

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