नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सोमवार को आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए यूपीए सरकार के दृष्टिकोण की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना का कड़ा प्रतिकार किया। ट्वीट करते हुए सिब्बल ने गृह मंत्री की टिप्पणी से असहमति व्यक्त की और अपने कार्यकाल के दौरान यूपीए सरकार द्वारा उठाए गए दृष्टिकोण का बचाव किया।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में हुए कारगिल संघर्ष, उरी हमले और पुलवामा हमले सहित देश के सामने मौजूद महत्वपूर्ण चुनौतियों को उजागर करते हुए आरोपों का खंडन किया। सिब्बल ने आगे आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल मसूद अजहर को पाकिस्तान पहुंचाने में शामिल थे, जिसके कारण अंततः आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गठन हुआ।
सिब्बल ने दंतेवाड़ा में चल रहे माओवादी हमलों से निपटने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की। कपिल सिब्बल ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवादियों की सूची से हटाए गए आतंकवादियों की संख्या के बारे में सवाल उठाया। उन्होंने आतंकवाद से निपटने में यूएपीए की प्रभावशीलता पर स्पष्टीकरण मांगा।
सिब्बल ने जोर देकर कहा कि यूपीए सरकार के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (एनएटीजीआरआईडी) जैसी प्रमुख पहलों की स्थापना की गई थी। राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने आतंकवाद से निपटने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के यूपीए सरकार के प्रयासों के उदाहरण के रूप में इनका उल्लेख किया।