नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी। इस मुद्दे पर बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल की शनिवार को प्रतिक्रिया सामने आई।
एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "पहले मैंने कहा था कि विशेष दोषसिद्धि पूरी तरह से गलत थी। यह सही साबित हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के यह कहने के बाद कि दोषसिद्धि पर रोक लगा दी गई है, राहुल गांधी के लिए संसद न जाने का कोई अवसर नहीं है। अदालतों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब इस तरह की याचिकाएं दायर की जाएं तो अदालतों का इस्तेमाल किसी भी तरह से राजनीतिक एजेंडे के लिए नहीं किया जाना चाहिए।"
वहीं, कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर लिखा, "सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की सजा पर रोक लगाई। जिस दिन राहुल को दोषी ठहराया गया, उस दिन मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि यह सजा अनुचित है और इसे बरकरार नहीं रखा जाएगा। मैंने जो कारण बताया वह सुप्रीम कोर्ट ने कल कहा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अदालती प्रक्रियाओं का इस्तेमाल राजनीतिक एजेंडे के लिए किया जाता है!"
बता दें कि गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। राहुल गांधी ने सभा में टिप्पणी की थी कि "सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?"