लोकसभा चुनाव 2019 के लिए जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाकपा के उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने मंगलवार को बिहार के बेगूसराय से नामांकन भरा।नामांकन भरने से पहले उन्होंने रोड शो भी किया। कन्हैया कुमार की रोड शो में जमकर जनसैलाब उमड़ा। बीते हफ्ते कन्हैया कुमार रोड शो का विरोध किए जाने के साथ उन्हें काले झंडे भी दिखाए गए थे। बेगूसराय के कपसिया चौक से निकलकर लोहियानगर पहुंचने पर कन्हैया के रोड शो का विरोध किए जाने के साथ उन्हें काले झंडे दिखाए गए थे।
बेगूसराय लोकसभा सीट का जातीय समीकरण
बेगूसराय लोकसभा सीट पर भूमिहारों का शुरू से ही दबदबा रहा है। कन्हैया कुमार भी इसी जाति से हैं। यहां भूमिहार के अलावा कोइरी, यादव, मुसलमान और अनुसूचित जाति के भी वोट हैं। ओबीसी में कोइरी की संख्या सबसे ज्यादा है। वहीं अनुसूचित जातियों की संख्या भी ठीक-ठाक है। भूमिहारों के दम पर यहां से वाम दलों के टिकट पर सांसद कम विधायक ज्यादा चुने गए हैं। मटिहानी, बेगूसराय और तेघरा विधानसभा सीट में भूमिहारों का आज भी वर्चस्व कायम है।
बेगूसराय में होगा दिलचस्प मुकाबला
बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में कुल 17,78,759 मतदाता हैं जिसमें महिला मतदाता 8,28,874 जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,49,825 है। 2014 लोकसभा चुनाव में बेगूसराय से भाजपा के भोला सिंह ने जीत दर्ज की थी, लेकिन अक्टूबर 2018 में भोला सिंह के निधन के बाद से यह सीट खाली है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेगूसराय की चुनावी यात्रा की और यहां कई योजनाओं की आधारशिला रखी। भोला सिंह के निधन के बाद भाजपा में गिरिराज सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। यानी यहां एक दिलचस्प जंग देखने को मिल सकती है।
बेगूसराय में पिछले चुनावों का हाल
2014 के लोकसभा चुनाव में डॉ भोला सिंह ने आरजेडी के प्रत्याशी तनवीर हसन को हराया था। डॉ सिंह को 4,28,227 वोट मिले जबकि हसन को 3,69,892 वोट हासिल हुए। डॉ सिंह को 39.72 प्रतिशत और हसन को 34.31 प्रतिशत वोट मिले। इस इलाके में भाकपा की अच्छी पकड़ है। 2014 के चुनाव में भाकपा प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें 1,92,639 वोट मिले थे। वोट प्रतिशत की बात करें तो भाकपा को 17.87 प्रतिशत मत हासिल हुए थे। इस चुनाव में चौथे और पांचवें स्थान पर निर्दलीय रहे। छठे स्थान पर नोटा रहा जिसके तहत 26,335 वोट पडे। कुल वोटों का 2.47 प्रतिशत नोटा के हिस्से में आया।
इस चुनाव में कुल 60.60 प्रतिशत वोटिंग हुई थी जिसमें जदयू के वोट भाजपा के पाले गए थे और भाजपा के डॉ सिंह आसानी से जीत गए थे। जबकि इसके पहले के चुनाव में जदयू के प्रत्याशी डॉ मोनाजिर हसन विजयी हुए। उन्होंने सीपीआई के शत्रुघ्न प्रसाद सिंह को हराया था। डॉ हसन को कुल 2,05,680 वोट मिले थे जबकि शत्रुघ्न प्रसाद सिंह को 1,64,843 वोट मिले। डॉ हसन को 28.64 प्रतिशत और शत्रुघ्न प्रसाद सिंह को 22.95 प्रतिशत वोट मिले। तीसरे स्थान पर लोजपा के अनिल चौधरी और चौथे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार अमिता भूषण रहीं। पांचवें और छठे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार रहे। इस चुनाव में कुल 48.75 प्रतिशत वोट पड़े थे।