मध्य प्रदेशकांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी दिखाई देती नजर आने लगी है. लंबे समय से नाराज चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के अतिथि शिक्षकों के समर्थन में सड़कों पर उतरने के बयान को लेकर सियासत गरमा गई है. सिंधिया का बयान आने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री डा. गोविंद सिंह ने सिंधिया को सलाह दी है कि वे सड़क पर न उतरें, मुख्यमंत्री से चर्चा कर प्रदेश के वित्तीय हालत देखते हुए कदम उठाएं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीते दिनों टीकमगढ़ में अतिथि शिक्षकों को लेकर दिए बयान के बाद सियासत गरमा गई है. कांग्रेस नेताओं में फिर चिंता दिखाई देने लगी है.
सिंधिया के बयान के बाद राज्य के सहकारिता मंत्री डा. गोविंद सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि सिंधिया प्रदेश के बड़े नेता है, उन्हें सड़क पर उतरने की जरूरत नहीं है. पार्टी में बैठकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा करके अपने प्रदेश की वित्तीय हालत देखते हुए कदम उठाएं.
डा. सिंह ने कहा कि अतिथि शिक्षक कोई नियमित कर्मचारी के लिए नहीं रखे गए थे, वे अस्थायी रखे गए थे. नियमित जब होंगे, तब नियमों का पालन करेंगे. डा. सिंह ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार को लेकर कहा कि हार पार्टी के संगठन की कमजोरी है. यह स्थिति अच्छी नहीं है. वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली में बैठने के बजाय गांव में उतरना चाहिए. उन्होंने कहा कि वरिष्ठों को अब अपनी मानसिका भी बदलनी होगी.
वहीं सिंधिया के बयान को प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि जनता के बीच हमने विश्वास पाया और जनता को जो वचन दिया उन वचनों को पूरा करेंगे. केंद्रीय नेतृत्व ने वचन पत्र को मॉनिटर करने के लिए कमेटी बनाई है. वह कमेटी देखेगी कि वचन पत्र शत-प्रतिशत लागू हो जाता है.
क्या कहा था ज्योतिरादित्य सिंधिया ने
राज्य के टीकमगढ़ प्रवास के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों से कहा था कि आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थी. मैंने आपकी आवाज उठाई थी और यह विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है.
उन्होंने अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए कहा कि अगर उस घोषणापत्र का एक-एक अंग पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना. आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा. सरकार अभी बनी है, एक वर्ष हुआ है. थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा. बारी हमारी आएगी, यह विश्वास, मैं आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आए तो चिंता मत करो आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपकी तलवार भी मैं बनूंगा.