Telangana: कालेश्वरम परियोजना की होगी CBI जांच, विधानसभा में चर्चा के साथ सरकार ने दिए आदेश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 1, 2025 11:02 IST2025-09-01T11:02:05+5:302025-09-01T11:02:50+5:30

Telangana: रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘तत्कालीन सिंचाई मंत्री ने मनमाने ढंग से निर्देश दिए और वित्त एवं योजना मंत्री ने राज्य के वित्त और आर्थिक स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता बरती।

Kaleshwaram project Telangana CM announces CBI probe after discussion in assembly | Telangana: कालेश्वरम परियोजना की होगी CBI जांच, विधानसभा में चर्चा के साथ सरकार ने दिए आदेश

Telangana: कालेश्वरम परियोजना की होगी CBI जांच, विधानसभा में चर्चा के साथ सरकार ने दिए आदेश

Telangana: तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की पूर्ववर्ती राज्य सरकार के दौरान निर्मित कालेश्वरम परियोजना में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की घोषणा की है। कलेश्वरम परियोजना पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट पर रविवार देर रात लगभग दो बजे समाप्त हुई चर्चा के अंत में रेड्डी ने विधानसभा में कहा कि इस परियोजना की जांच सीबीआई को सौंपना उचित है, क्योंकि यह अंतरराज्यीय मामला है, केंद्रीय एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभाग और एजेंसियां ​​इस परियोजना में शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि परियोजना के डिजाइन, निर्माण और वित्तपोषण में केंद्र सरकार के संगठन और वित्तीय संस्थान भी शामिल हैं, ‘‘इसलिए अध्यक्ष की अनुमति से सदन इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय ले रहा है। इसमें कई मुद्दे शामिल हैं जिनकी जांच कराए जाने की आवश्यकता है इसलिए हमारी सरकार सीबीआई जांच के आदेश जारी कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) और न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने परियोजना से संबंधित विभिन्न मुद्दों की गहन और अधिक व्यापक जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कई खामियों और अनियमितताओं को चिह्नित किया है जिन पर आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीएसए की रिपोर्ट के अनुसार योजना, डिजाइन और गुणवत्ता नियंत्रण में खामियां कालेश्वरम परियोजना के मेदिगड्डा बैराज की विफलता का कारण पाई गई हैं। उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार ने परियोजना के लिए अत्यधिक ब्याज दरों पर ऋण लिया था। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पिनाकी घोष आयोग ने सुझाव दिया है कि तेलंगाना सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए।

आयोग ने तेलंगाना में कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के निर्माण में अनियमितताओं को लेकर अपनी रिपोर्ट रविवार को प्रस्तुत की। इससे पहले, बीआरएस ने विधानसभा से बहिर्गमन किया और आरोप लगाया कि पार्टी को न्यायिक आयोग की रिपोर्ट पर अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘तत्कालीन सिंचाई मंत्री ने मनमाने ढंग से निर्देश दिए और वित्त एवं योजना मंत्री ने राज्य के वित्त और आर्थिक स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता बरती।

यह तत्कालीन मुख्यमंत्री ही हैं, जिन्हें तीनों बैराज की योजना, निर्माण, पूर्णता, संचालन और रखरखाव में अनियमितताओं के लिए सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से जवाबदेह बनाया जा सकता है। हालांकि, यह सरकार का काम है कि वह जांच करे और कानून के अनुसार उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करे।’’

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पी. सी. घोष की अध्यक्षता वाले आयोग ने 31 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। विधानसभा में आयोग की रिपोर्ट पर रविवार को चर्चा हुई। 

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