ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बदला अपना ट्विटर स्टेटस, जानें क्या हैं इसके मायने

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: November 25, 2019 13:35 IST2019-11-25T13:35:20+5:302019-11-25T13:35:20+5:30

पिछले विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को मप्र में कांग्रेस के स्टार कैम्पेस के तौर पर प्रस्तुत किया गया था. 2018 के विधानसभा के चुनाव की पूरी कामन उनके साथ-साथ कमलनाथ के हाथ में थी. 

Jyotiraditya Scindia's Twitter status changed, know what it means | ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बदला अपना ट्विटर स्टेटस, जानें क्या हैं इसके मायने

Jyotiraditya Scindia's Twitter status changed, know what it means

Highlightsज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता की ही तरह राजनीतिक घेराबंदी का शिकार हो गए.माखनलाल फोतेदार ने तब यह कह कर वोरा के नाम पर सहमति की सूचना प्रेस को दी थी कि दुर्ग में मोती हैं.

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के द्बारा आज अचानक अपना स्टेटस बदले जाने के तमाम मायने और संदेश हैं. एक तरह से उन्होंने अपना स्टेटस बदल कर कांग्रेस नेतृत्व को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह पार्टी में अपने आप को सहज नहीं पा रहे है. इसके साथ ही उन्होंने आम लोगों और अपने समर्थकों को भी यह संदेश दिया है कि अब बदलाव की घड़ी आ गई है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज अपने ट्विटर अकाउंट पर बदलाव करते हुए खुद को पूर्व मंत्री के स्थान पर जन सेवक और क्रिकेट प्रेमी के तौर पर प्रस्तुत किया कुछ शब्दों का यह बदलाव देखने में भले ही छोटा लगे पर इसके मायने कुछ और हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश में कांग्रेस के स्टार कैम्पेस के तौर पर प्रस्तुत किया गया था. 2018 के विधानसभा के चुनाव की पूरी कमान उनके साथ-साथ कमलनाथ के हाथ में थी. 

मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने पर नाराज थे समर्थक

सिंधिया समर्थक मानते थे कि अगर मध्यप्रदेश में कांग्रेस को बहुमत मिला तो महाराज मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया, कमलनाथ के पक्ष में दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव के ध्रुवीकृत हो जाने के कारण कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया. इसको लेकर सिंधिया समर्थकों ने कई जगह प्रदर्शन भी किए थे. 

जब ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराष्ट्र का प्रभारी बनाया गया। तब भी उनका विरोध जताया था। उनकी समर्थक मानी जाने वाली महिला बाल विकास मंत्री ने खुलकर कहा था कि महाराज को अगर कुछ बनाना है तो मध्य प्रदेश में बनाइए, महाराष्ट्र में उन्हें कौन जानता है।

दरअसल, पिछले करीब 9 महीने से सिंधिया समर्थक इस बात का इंतजार कर रहे थे कि उन्हें मुख्यमंत्री न सही कम से कम सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा। लेकिन बाते होती गईं और सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने की तारीख बढ़ती गई। 

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पकंज चतुर्वेदी ने कहा कि यह परिवर्तन एक माह पहले हो चुका था। सिंधिया की कोई अपेक्षा नहीं है। मालूम हो कि सिंधिया ने एक बयान में कहा कि उन्होंने अपना स्टेटस एक माह पहले ही बदला था।

जब सिंधिया हो गए थे राजनीतिक घेराबंदी का शिकार

दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता की ही तरह राजनीतिक घेराबंदी का शिकार हो गए. 1988 में अर्जुन सिंह के स्थान पर पार्टी के नेतृत्व में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाए जाने का फैसला किया था लेकिन नेतृत्व के इस फैसले के खिलाफ अर्जुन सिंह, दिग्विजयसिंह और सुभाष यावद के खड़े हो जाने के कारण उनके स्थान पर मोती लाल वोरा को मुख्यमंत्री बनाया गया था उस समय लगभग 3 दिनों तक चली रसाकस्सी के बाद केन्द्रीय नेतृत्व के तीन पर्यवेक्षकों गुलाम नबी आजाद बूटासिंह और माखनलाल फोतेदार को वगावत रोकने के लिए इस फैसले का एलान करना पडा था. 

माखनलाल फोतेदार ने तब यह कह कर वोरा के नाम पर सहमति की सूचना प्रेस को दी थी कि दुर्ग में मोती हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी सिंधिया समर्थक यह मान रहे थे कि जन समर्थक के अनुरुप महाराज को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा पर ऐसा नही हो पाया. इसके बाद से ही भारतीय जनता पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से संवाद सदना प्रारंभ कर दिया. 

दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी विजयराजे सिंधिया का मध्यप्रदेश में जनसंघ और फिर भाजपा के विकास में अभूतपूर्व आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक योगदान रहा है. जनसंघ तो उनके द्बारा उपलब्ध गए जन, धन और समर्थन के कारण ही मध्यप्रदेश में अपना बड़ा आधार स्थापित कर पाई थी. इस कारण भाजपा में उनकी दादी के कारण कोई बाहरी व्यक्ति नहीं माना जाता है. 

अपना नाम उजागर किए जाने की सर्थ पर संघ से जुड़े एक मीसा बंदी नेता की यह टिप्पणी कि सिंधिया आगर भाजपा में आते है तो उनकी अपने घर वापसी जैसा ही होगा. क्योकि उन्हें कार्यकर्ता और नेता कांग्रेस में होते हुए पराया नही मानते हैं. 

आने वाले दिनों में ज्योतिरादित्य सिंधिया के द्बारा ट्विटर अकाउंट पर बदला गया स्टेटस क्या कमाल दिखाता है, यह देखने लायक होगा फिलहाल तो मध्यप्रदेश के सियासी इस परिवर्तन को लेकर अनुमान ही लगाए ही जा रहे हैं.

Web Title: Jyotiraditya Scindia's Twitter status changed, know what it means

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