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दिल्ली हिंसा पर टिप्पणी करने वाले जस्टिस एस. मुरलीधर ने अपने तबादले पर दिया बयान, कहा- CJI की सूचना पर मेरी सहमति थी

By अनुराग आनंद | Updated: March 6, 2020 08:29 IST

नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 26 फरवरी की रात को न्यायमूर्ति मुरलीधर के तबादले की अधिसूचना के बाद विवाद पैदा हो गया था। उसी दिन उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के लिए भाजपा के तीन नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रहने के लिए दिल्ली पुलिस की खिंचाई की थी।

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ठळक मुद्देन्यायमूर्ति मुरलीधर (58) को गुरुवार को भव्य विदाई दी गई। इस दौरान बड़ी संख्या में न्यायाधीश और वकीलों सहित अन्य लोग मौजूद थे।जस्टिस एस. मुरलीधर ने कहा कि वह अपने तबादले पर भ्रम को स्पष्ट करना चाहते हैं, इसके बाद उन्होंने इस मामले में स्थिति स्पष्ट की।

दिल्ली हिंसा मामले में टिप्पणी करने वाले जस्टिस एस. मुरलीधर ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट से विदा ली। जस्टिस मुरलीधर के विदाई समारोह कार्यक्रम में भारी संख्या में कोर्ट के वकील जमा हुए थे। इस कार्यक्रम के दौरान जस्टिस मुरलीधर ने अपने तबादले को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे द्वारा दी गई सूचना पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

केंद्र सरकार द्वारा 26 फरवरी की रात को न्यायमूर्ति मुरलीधर के तबादले की अधिसूचना के बाद विवाद पैदा हो गया था। उसी दिन उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के लिए भाजपा के तीन नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रहने के लिए दिल्ली पुलिस की खिंचाई की थी। न्यायमूर्ति मुरलीधर (58) को गुरुवार को भव्य विदाई दी गई। इस दौरान बड़ी संख्या में न्यायाधीश और वकीलों सहित अन्य लोग मौजूद थे।

जस्टिस एस. मुरलीधर ने कहा कि वह अपने तबादले पर भ्रम को स्पष्ट करना चाहते हैं और 26 फरवरी को सीजेआई से प्राप्त सूचना के बाद के घटनाक्रमों के बारे में उन्होंने जानकारी दी। सीजेआई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 12 फरवरी की बैठक में न्यायमूर्ति मुरलीधर के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में तबादले की अनुशंसा की थी। न्यायमूर्ति मुरलीधर दिल्ली हाईकोर्ट में वरीयता के आधार पर तीसरे स्थान पर हैं। स्थानांतरण प्रक्रिया के बारे में उन्होंने कहा कि पांच सदस्यीय कॉलेजियम केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजता है कि किसी हाईकोर्ट के न्यायाधीश को दूसरे हाईकोर्ट में भेजा जाए। 

इस दौरान उन्होंने कहा कि जब कॉलेजियम की राय को सीजीआई ने मुझे बताया तो मैंने इसपर सहमती दे दी।  इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब मुझसे मेरे तबादले के बारे में पूछा गया तो मैंने कहा कि अगर मेरा तबादला दिल्ली हाईकोर्ट से होता है तो मुझे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जाने में कोई दिक्कत नहीं है।' उन्होंने कहा, ‘मैंने सीजेआई को स्पष्ट किया कि मुझे प्रस्ताव पर आपत्ति नहीं है। मेरे तबादले का स्पष्टीकरण प्रेस में पहुंचा. 20 फरवरी को ‘हाईकोर्ट के कॉलेजियम के सूत्रों के हवाले से' जो खबर चली उसकी पुष्टि मुझे कुछ दिनों पहले कर दी गई थी।' 

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सच के साथ हमें डटकर खड़ा रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सच को जब जीतना होगा जीत जाएगा लेकिन हमें सच के साथ बिना किसी संशय के साथ खड़ा रहना चाहिए। 

टॅग्स :न्यायमूर्ति डॉ.एस. मुरलीधरदिल्लीइंडियादिल्ली हिंसा
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