लाइव न्यूज़ :

कौन हैं दिल्ली हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश मनमोहन, जानिए उनसे जुड़े ये 5 अहम तथ्य

By रुस्तम राणा | Updated: September 29, 2024 18:34 IST

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन को 13 मार्च, 2008 को दिल्ली उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश और 17 दिसंबर, 2009 को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह 9 नवंबर, 2023 से दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं।

Open in App
ठळक मुद्देन्यायमूर्ति मनमोहन ने रविवार को राज निवास में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लीदिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाईशपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सिंह भी शामिल हुईं

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनोनीत न्यायमूर्ति मनमोहन ने रविवार को राज निवास में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने शपथ दिलाई। उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में लगभग 11 महीने सेवा देने के बाद उन्हें उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सिंह भी शामिल हुईं। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन को 13 मार्च, 2008 को दिल्ली उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश और 17 दिसंबर, 2009 को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह 9 नवंबर, 2023 से दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं।

जानिए कौन हैं दिल्ली हाईकोर्ट नए चीफ जस्टिस मनमोहन के बारे में 

1. 17 दिसंबर, 1962 को जन्मे न्यायमूर्ति मनमोहन ने अपनी स्कूली शिक्षा मॉडर्न स्कूल, बाराखंभा रोड से की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इतिहास में बी.ए. (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की। ​​

2. स्नातक करने के बाद, मुख्य न्यायाधीश मनमोहन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर में दाखिला लिया और 1987 में एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की और उसी वर्ष दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुए। 

3. दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने मुख्य रूप से सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायालय में सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, कराधान, मध्यस्थता, ट्रेडमार्क और सेवा मुकदमेबाजी में वकालत की। 

4. उन्होंने पहले दिल्ली उच्च न्यायालय और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में भारत सरकार के लिए वरिष्ठ पैनल अधिवक्ता के रूप में कार्य किया है। उन्हें 18 जनवरी, 2003 को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।

5. अपनी निजी प्रैक्टिस के दौरान नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश ने दाभोल पावर कंपनी, हैदराबाद निजाम के ज्वेलरी ट्रस्ट मामले, क्लेरिजेस होटल विवाद, मोदी परिवार के साथ-साथ गुजरात अंबुजा सीमेंट के बिक्री कर और फतेहपुर सीकरी अतिक्रमण मामले सहित विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों को संभाला।

टॅग्स :दिल्ली हाईकोर्टविनय कुमार सक्सेनाआतिशी मार्लेना
Open in App

संबंधित खबरें

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar Release Row: दिल्ली हाईकोर्ट ने CBFC से सर्टिफिकेशन से पहले शहीद मेजर मोहित शर्मा के परिवार की चिंताओं पर विचार करने को कहा

भारतपति क्रूरता साबित करने में नाकाम और दहेज उत्पीड़न आरोपों को ठीक से खारिज नहीं कर पाया, दिल्ली उच्च न्यायालय का अहम फैसला

बॉलीवुड चुस्कीसंजय कपूर संपत्तिः 30,000 करोड़ रुपये?, सारी संपत्ति पत्नी को देना ‘स्वस्थ परंपरा’, पत्नी प्रिया कपूर ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा, करिश्मा कपूर के बच्चों ने पेंच फंसाया?

क्राइम अलर्टरिश्वत का पैसा शेयर बाजार में निवेश कर मुनाफा कमाया तो अपराध से अर्जित आय माना जाएगा, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-धन शोधन अपराध

भारतसहकर्मी की पत्नी से ‘अवैध संबंध’, मोबाइल, सोने का लॉकेट और ड्रेस उपहार में क्यों दी?, पति की अनुपस्थिति में घर जाना, बीएसएफ अधिकारी की बर्खास्तगी बरकरार

भारत अधिक खबरें

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतIndiGo Flight Cancel: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा फैसला, पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी मानदंडों में दी ढील