जज लोया की मौत का मामला गंभीर, अब सुप्रीम कोर्ट करेगा सभी तथ्यों की जांच
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 23, 2018 13:45 IST2018-01-22T14:52:26+5:302018-01-23T13:45:05+5:30
जज लोया की मौत से जुड़े दो मामलों को बॉम्बे हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किया गया है। फरवरी के पहले हफ्ते में सुनवाई होगी।

जज लोया की मौत का मामला गंभीर, अब सुप्रीम कोर्ट करेगा सभी तथ्यों की जांच
सीबीआई जज लोया की मौत से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में होगी। सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने जज लोया की मौत की जांच को लेकर याचिका पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने बाम्बे हाई कोर्ट के भी दोनों केस सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर लिए हैं।
जज लोया सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और तुलसीराम प्रजापति की गुजरात में कथित फर्जी मुठभेड़ में कराई गई हत्या के मामले की सुनवाई कर रहे थे। वह इस मामले के आरोपियों में से एक गुजरात के तत्कालीन गृह राज्यमंत्री अमित शाह को अदालत में पेश होने के लिए कई बार समन दे चुके थे। लेकिन शाह पेश नहीं हो रहे थे।
अगली सुनवाई से एक रात पहले लोया अपने एक दोस्त की बेटी की शादी में शामिल होने नागपुर गए थे। वह एक रेस्टहाउस में ठहरे थे, जहां उनकी मौत हो गई। उनकी बहन के मुताबिक, 48 वर्षीय लोया की मौत की खबर और उनका सामान लेकर आरएसएस का एक कार्यकर्ता उनके घर गया था। उन्हें व उनके परिवार को फोन पर धमकियां भी मिल रही थीं।
पीठ ने कहा, "मामला गंभीर है। हम सभी साक्ष्य का परीक्षण कर रहे हैं।" पीठ ने लोया की मौत से जुड़े सभी मामलों व मौत की परिस्थिति जन्य कारणों को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने मामले से जुड़े बंबई उच्च न्यायालय व इसकी नागपुर पीठ में लंबित दो याचिकाओं को भी खुद अपने पास मंगा लिया है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 2 फरवरी मुकर्रर की है।
महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जज लोया की मौत के मामले में एक गहन जांच पड़ताल की गई है और इस मामले में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। जज लोया की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई थी।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने घटना की पूरी जानकारी दी। याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि हरीश साल्वे अमित शाह के बचाव में पेश हुए थे और अब वो महाराष्ट्र सरकार की ओर से हैं। सुप्रीम कोर्ट को इसे रोकना चाहिए।
Maharashtra govt told Supreme Court that a careful and prudent investigation was conducted after the media reports and four judicial officers assured there was no foul play involved. The three-judge bench recorded statements saying #JusticeLoya died of cardiac arrest.
— ANI (@ANI) January 22, 2018
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज बी.एच. लोया की मौत हो गई थी। पिछले दिनों मीडिया में इस संदिग्ध मौत पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने इस मामले पर सवाल उठाए थे। इसके बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने जज लोया के केस की सुनवाई कर रही बेंच को बदल दिया। इसके बाद जज लोया के बेटे अनुज लोया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किसी भी साजिश की संभावना से इनकार किया है।