JNU हिंसाः नकाबपोश लोगों की पहचान के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले, पुलिस मामला सुलझाने के कगार पर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 8, 2020 05:59 PM2020-01-08T17:59:13+5:302020-01-08T17:59:13+5:30
पांच जनवरी को विवि परिसर में हुए हमले को देखते हुए पुलिस को 11 शिकायतें मिली हैं । इनमें से एक शिकायत विश्वविद्यालय के एक प्राध्यापक ने दर्ज करायी है जबकि शेष छात्रों की ओर से आयी है। पुलिस ने बताया कि इन सभी मामलों को अपराध शाखा के हवाले किया जाएगा।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए हमले के संबंध में पुलिस को 11 शिकायतें मिली है। सरकारी सूत्र ने कहा कि पुलिस को जेएनयू में छात्रों पर हमला करने वाले नकाबपोश लोगों की पहचान के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले, पुलिस मामला सुलझाने के कगार पर है।
जल्द ही पुलिस इस मामले को लेकर खुलासा भी कर सकती है। यूनिवर्सिटी में रविवार शाम हुई हिंसा के बाद अब तक पूरे प्रकरण में तीन एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं, लेकिन न तो कैंपस में लाठी-डंडे चलाने वालों को पुलिस पकड़ पाई है और न ही उससे पहले सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने वालों को गिरफ्तार किया गया है। ऐसे में दिल्ली पुलिस को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
जॉइंट कमिश्नर शालिनी सिंह की अगुआई में एक टीम का गठन किया गया है, जो इस मामले की जांच कर रही है। जेएनयू में बढ़ाई गई हॉस्टल फीस के फैसले को वापस करने के लिए काफी समय से आंदोलन चल रहा है।
विश्वविद्यालय में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। पुलिस ने बताया कि रविवार को नकाबपोश युवकों द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में की गयी मारपीट और हमले के बाद बड़ी तादाद में पुलिस बलों को तैनात किया गया है ।
उन्होंने बताया कि पांच जनवरी को विवि परिसर में हुए हमले को देखते हुए पुलिस को 11 शिकायतें मिली हैं । इनमें से एक शिकायत विश्वविद्यालय के एक प्राध्यापक ने दर्ज करायी है जबकि शेष छात्रों की ओर से आयी है। पुलिस ने बताया कि इन सभी मामलों को अपराध शाखा के हवाले किया जाएगा।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) देवेंदर आर्य ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, ‘‘विवि प्रशासन के आग्रह पर, परिसर में पुलिस की मौजूदगी जारी रहेगी।’’
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने बुधवार को कहा कि जेएनयू में हमला विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत और पुलिस की निष्क्रियता के बिना संभव नहीं हो सकता था। संघ ने कुलपति एम जगदीश कुमार के उस बयान पर भी हमला बोला, जिसमें उन्होंने छात्रों से “जो हुआ उसे भूलकर विश्वविद्यालय लौट आने“ की बात कही थी। जेएनयू शिक्षक संघ ने कहा, ‘‘छात्र कैसे छात्रावासों और कक्षाओं में लौट सकते हैं, जबकि वे सुरक्षित महसूस नहीं करते? शिक्षक कैसे पढ़ाने आ सकते हैं, जब वे सुरक्षित महसूस नहीं करते?’’
संघ ने कहा कि छात्रों और संकाय से भूलने के लिए कहना और प्रशासनिक आतंक को सामान्य स्थिति मानने का निर्देश ‘‘जले पर नमक’’ है। गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात लाठियों और लोहे की छड़ों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने परिसर में प्रवेश कर छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। बाद में प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी। इसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित कम से कम 35 लोग घायल हो गए थे।
शिक्षक संघ ने कहा, ‘‘ भीड़ द्वारा हमला प्रशासन के सक्रिय सहयोग और दिल्ली पुलिस के निष्क्रियता के बिना संभव नहीं होता।’’ जेएनयू कुलपति एम जगदीश कुमार ने मंगलवार को छात्रों से कहा था कि वे बीती बातों को पीछे छोड़कर विश्वविद्यालय परिसर लौट आएं। कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘सभी घायल छात्रों के प्रति मेरी संवेदना है। घटना (हिंसा) दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं छात्रों से कहना चाहूंगा कि जेएनयू परिसर एक सुरक्षित स्थान है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी छात्रों से आग्रह करता हूं कि वे परिसर लौट आयें। आइए हम बीती सभी बातों को पीछे छोड़ दें।’’