दिल्ली पुलिस के दावे पर छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि हम लोग अपनी जान बचाने के लिए कैंपस में संघर्ष कर रहे थे। दिल्ली पुलिस का बयान बेतुका है।
जेएनयू मामले में संदिग्ध के रूप में पुलिस द्वारा तस्वीर जारी किए जाने के बाद आइशी घोष ने कहा ने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास जो भी सबूत हैं, उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए। हमलावरों के रूप में नाम लिए जाने के बाद घोष ने कहा कि मेरे पास भी सबूत हैं कि किस प्रकार मुझ पर हमला किया गया।
एचआरडी अधिकारियों के साथ बैठक के बाद जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा ने कहा कि जेएनयू के कुलपति के इस्तीफे की मांग पर हम अब भी कायम हैं। घोष ने कहा कि हम सलाहकारों और पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और आंदोलन को समाप्त करने या नहीं करने पर निर्णय करेंगे। अधिकारियों ने उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे मामले में सकारात्मक हस्तक्षेप करेंगे और जल्द ही इस मुद्दे पर एक परिपत्र जारी करेंगे। हमलावरों के रूप में नाम लिए जाने के बाद जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि मेरे पास भी सबूत हैं कि किस प्रकार मुझ पर हमला किया गया।
चुनाव में ऐश घोष को जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा एक संदिग्ध के रूप में नामित किए जाने पर चुना गया है। दिल्ली पुलिस अपनी जांच कर सकती है। मेरे पास यह दिखाने के लिए सबूत भी हैं कि मुझ पर कैसे हमला किया गया।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ ने कहा है कि वह कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाए जाने की अपनी मांग पर कायम है लेकिन फीस वृद्धि के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन को वापस लेना है या नहीं इस पर बाद में फैसला लिया जाएगा।
छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात के बाद यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रसंघ ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शुरू की गई प्रॉक्टोरियल जांच में मंत्रालय से दखल की मांग की है। उन्होंने कहा, “जेएनयू के कुलपति के इस्तीफे की हमारी मांग कायम है। हम सलाहकारों और पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाएंगे और फैसला करेंगे कि प्रदर्शन वापस लेना है या नहीं। हमनें अपनी बात रख दी है और अंतिम फैसले के लिये मंत्रालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।”
जेएनयूएसयू के अध्यक्ष आइशी घोष ने आज एमएचआरडी के सचिव अमित खरे से मुलाकात के बाद कहा कि हमने मांग की कि जेएनयू के वीसी को तत्काल उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि वह विश्वविद्यालय नहीं चला पा रहे हैं। हमें एक वीसी की जरूरत है जो नए सिरे से मदद कर सके और कैंपस में सामान्य स्थिति लाने में मदद कर सके।