नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव रविवार देर रात संपन्न हो गए, जिसमें ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (आइसा-डीएसएफ) के वामपंथी गठबंधन ने चार में से तीन केंद्रीय पैनल पदों पर कब्जा कर लिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक पद जीता है। आइसा के नीतीश कुमार अध्यक्ष, डीएसएफ की मनीषा उपाध्यक्ष, डीएसएफ की मुन्तेहा महासचिव और एबीवीपी के वैभव मीना संयुक्त सचिव चुने गए हैं।
जेएनयूएसयू चुनाव: एबीवीपी ने 44 में से 24 काउंसलर सीट पर जीत का दावा किया
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने रविवार को दावा किया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव में उसने विभिन्न स्कूल और विशेष केंद्रों में 44 काउंसलर सीट में से 24 पर जीत हासिल की है। एबीवीपी के एक छात्र कार्यकर्ता ने बताया, "यह पहली बार है कि किसी एक छात्र संगठन ने आधे से अधिक काउंसलर पदों पर जीत हासिल की है।
एबीवीपी ऐसा करने वाला पहला संगठन बन गया है। अब, केंद्रीय पैनल द्वारा लिए जाने वाले प्रत्येक निर्णय के लिए एबीवीपी की मंजूरी की आवश्यकता होगी, क्योंकि काउंसलर किसी प्रस्ताव पर मतदान करते हैं।’’ एबीवीपी के अनुसार, संगठन ने पारंपरिक वामपंथी गढ़ों में अहम सफलता हासिल की है, जिसमें ‘स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज’ और ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ भी शामिल हैं।
एबीवीपी ने कहा कि इन दोनों संकायों में उसने दो-दो सीटें जीती हैं, जो परिसर में एक बड़े राजनीतिक बदलाव को दर्शाता है। एबीवीपी नेताओं ने स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज और अमलगमेटेड सेंटर सहित कई केंद्रों में ‘क्लीन स्वीप’ का दावा किया। जेएनयूएसयू चुनाव 2024-25 के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ, जिसमें कुल मतदान लगभग 70 प्रतिशत दर्ज किया गया।
एबीवीपी की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने कहा, ‘‘ये जीत सकारात्मक बदलाव की शुरुआत है, जिसे जेएनयू के छात्रों ने एबीवीपी के माध्यम से चुना है। यह राष्ट्रवाद, शैक्षणिक उत्कृष्टता और छात्र कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का परिणाम है।
हम परिसर को राष्ट्र निर्माण और शैक्षणिक जीवंतता का केंद्र बनाने के लिए पूर्ण समर्पण के साथ काम करना जारी रखेंगे।" एबीवीपी समर्थक जहां जश्न मना रहे हैं, वहीं जेएनयू चुनाव समिति द्वारा आज रात या सोमवार सुबह परिणाम जारी करने की उम्मीद है।