जेकेएनपीपी ने केंद्र पर ‘कश्मीर तुष्टीकरण नीति’ चलाने का आरोप लगाया, जम्मू में प्रदर्शन किया

By भाषा | Published: June 20, 2021 03:32 PM2021-06-20T15:32:19+5:302021-06-20T15:32:19+5:30

JKNPP accuses Center of running 'Kashmir appeasement policy', protests in Jammu | जेकेएनपीपी ने केंद्र पर ‘कश्मीर तुष्टीकरण नीति’ चलाने का आरोप लगाया, जम्मू में प्रदर्शन किया

जेकेएनपीपी ने केंद्र पर ‘कश्मीर तुष्टीकरण नीति’ चलाने का आरोप लगाया, जम्मू में प्रदर्शन किया

जम्मू, 20 जून जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (जेकेएनपीपी) ने रविवार को केंद्र सरकार पर अगले सप्ताह प्रस्तावित सर्वदलीय बैठक में मुख्य रूप से घाटी के नेताओं को आमंत्रित करके ‘कश्मीर तुष्टीकरण नीति’ अपनाने का आरोप लगाया और यहां भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन किया।

जम्मू कश्मीर के आठ राजनीतिक दलों के 14 नेताओं को 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली बैठक में आमंत्रित किया गया है। इन दलों में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, भाजपा, कांग्रेस, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी, माकपा, पीपल्स कॉन्फ्रेंस और जेकेएनपीपी शामिल हैं। बैठक में केंद्रशासित प्रदेश को लेकर भविष्य के फैसलों पर चर्चा होगी।

बैठक में चार पूर्व मुख्यमंत्रियों- फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को आमंत्रित किया गया है। जेकेएनपीपी संस्थापक भीम सिंह को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है।

सिंह ने कहा कि वह इस न्योते पर चर्चा करने के लिए सोमवार को अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करेंगे और इसमें भाग लेने के संबंध में निर्णय लेंगे। जेकेएनपीपी अध्यक्ष ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मुझे बैठक का न्योता मिला है और कल पार्टी नेताओं से इस बारे में बात करने के बाद फैसला करुंगा।’’

जेकेएनपीपी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री हर्षदेव सिंह के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर ‘कश्मीर तुष्टीकरण नीति’ चलाने का आरोप लगाते हुए यहां पार्टी मुख्यालय के बाहर उसका पुतला जलाया।

हर्षदेव सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार ने कश्मीर के सभी दलों को बैठक के लिए बुलाया है लेकिन जम्मू के नेताओं की अनदेखी की है। अल्ताफ बुखारी की हाल ही में बनी अपनी पार्टी और सज्जाद लोन की पीपल्स कॉन्फ्रेंस को बैठक का न्योता मिला है जिन्हें अभी तक निर्वाचन आयोग ने मान्यता भी नहीं दी है, लेकिन जम्मू से केवल भीम सिंह को आमंत्रित किया गया है।’’

आजाद और जम्मू से ताल्लुक रखने वाले तीन पूर्व उप मुख्यमंत्रियों (दो भाजपा के, एक कांग्रेस के) तथा भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना को बैठक के आमंत्रण का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘हमें उन पर भरोसा नहीं है क्योंकि वे अपने अपने केंद्रीय नेतृत्व के हिसाब से चलेंगे। हमें भीम सिंह पर भरोसा है लेकिन उन्हें बैठक में बोलने के लिए कितना समय मिलेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह डोगरा भूमि के लोगों की आकांक्षाओं की कीमत पर अलगाववाद समर्थक दलों को बढ़ावा देने का काम नहीं है।’’

इस बीच कश्मीरी प्रवासी पंडितों के प्रतिनिधि संगठन पनुन कश्मीर ने कहा कि कश्मीर पर उनके समुदाय की भागीदारी के बिना कोई भी बैठक अधूरी रहेगी।

पनुन कश्मीर के अध्यक्ष वीरेंद्र रैना ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘कश्मीरी पंडित मूल निवासी हैं और उन्होंने कश्मीर में सबसे ज्यादा आतंकवादी हिंसा को झेला है और इसलिए हमें सर्वदलीय बैठक का एजेंडा पता होना चाहिए।

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Web Title: JKNPP accuses Center of running 'Kashmir appeasement policy', protests in Jammu

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