लेह हिंसा के पीछे विदेशी साजिश?, केंद्र सरकार के साथ बातचीत नहीं करना चाहते थे सोनम वांगचुक

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 27, 2025 16:11 IST2025-09-27T16:08:45+5:302025-09-27T16:11:22+5:30

कुल 70 नागरिक, 17 सीआरपीएफ जवान और 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि इस घटना के सिलसिले में 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

jk police Foreign conspiracy behind Leh violence Sonam Wangchuk not want negotiate central government | लेह हिंसा के पीछे विदेशी साजिश?, केंद्र सरकार के साथ बातचीत नहीं करना चाहते थे सोनम वांगचुक

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Highlightsजनता को भड़काने के लिए किया गया और दावा किया कि सोनम वांगचुक एक अलग एजेंडा चला रहे थे।विदेशी संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने बताया कि जांच के दौरान दो और लोगों को पकड़ा गया। अगर वे किसी साजिश का हिस्सा हैं, तो मैं नहीं कह सकता।

लेहः लेह में हुई हिंसा का ठीकरा पूरी तरह से पर्यावरणविद सोनम वांगचुक पर फोड़ते हुए अब लद्दाख पुलिस ने यह भी दावा किया है कि वे केंद्र सरकार के साथ होने जा रही बातचीत को निहित स्वार्थ के चलते पटरी से उतारना चाहते थे। ये निहित स्वार्थ क्या थे, फिलहाल लद्दाख पुलिस खुलासा नहीं कर पाई है पर इतना जरूर आरोप लगा रही है कि इसके पीछे विदेशी साजिश भी है। लेह में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए लद्दाख पुलिस के डीजीपी डा शिव दर्शन सिंह जम्वाल ने सोनम वांगचुक पर केंद्र के साथ बातचीत को पटरी से उतारने का आरोप लगाया और कहा कि पांच से छह हजार लोगों ने सरकारी इमारतों और राजनीतिक पार्टी के कार्यालयों पर हमला किया। एसडी सिंह जम्वाल ने कहा कि गोलीबारी आत्मरक्षा में की गई थी, क्योंकि हिल काउंसिल और सचिवालय कार्यालयों में कई सरकारी अधिकारियों की जान को गंभीर खतरा था। उन्होंने आरोप लगाया कि अनशन मंच का दुरुपयोग जनता को भड़काने के लिए किया गया और दावा किया कि सोनम वांगचुक एक अलग एजेंडा चला रहे थे।

उन्होंने आगे कहा कि कुल 70 नागरिक, 17 सीआरपीएफ जवान और 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि इस घटना के सिलसिले में 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटना के पीछे किसी विदेशी संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने बताया कि जांच के दौरान दो और लोगों को पकड़ा गया। अगर वे किसी साजिश का हिस्सा हैं, तो मैं नहीं कह सकता।

इस जगह पर नेपाली लोगों के मजदूरी करने का इतिहास रहा है, इसलिए हमें जांच करनी होगी। उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से 24 सितंबर को लोगों की बड़ी भीड़ इकट्ठा हो गई। वहां असामाजिक तत्व मौजूद थे। 5000-6000 लोगों ने सरकारी इमारतों और राजनीतिक दलों के कार्यालयों को नुकसान पहुंचाया और पथराव किया।

उन इमारतों में मौजूद हमारे अधिकारियों पर भी हमला किया गया। एक राजनीतिक दल के कार्यालय को जला दिया गया। एक अधिकारी गंभीर रूप से घायल है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र के साथ बातचीत से पहले इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ भाषणों और वीडियो की संख्या में वृद्धि हुई थी।

6 अक्टूबर को उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक और 25-26 सितंबर को प्रारंभिक बैठकों की तारीखों की घोषणा की गई थी, लेकिन 10 सितंबर को शांति भंग करने के लिए ऐसे तत्वों ने भूख हड़ताल का सहारा लिया। बातचीत से पहले, भाषणों और वीडियो की संख्या में वृद्धि हुई,

जो हमारा मानना है कि कानून-व्यवस्था के लिए खतरनाक थे। हमने एफआईआर भी दर्ज कीं। डीजीपी ने कहा कि सीआरपीएफ अधिकारियों के साथ मारपीट की गई और कम से कम तीन महिला पुलिस अधिकारी भी उस इमारत में फंसी हुई थीं जिसे जला दिया गया था।

Web Title: jk police Foreign conspiracy behind Leh violence Sonam Wangchuk not want negotiate central government

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