2024-25 में कुत्ते और बिल्ली ने 11922 लोग को काट डाले?, कुत्तों के बाद अब बिल्लियों के खतरे से जूझ रहा है कश्‍मीर

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 29, 2025 10:48 IST2025-09-29T10:47:15+5:302025-09-29T10:48:12+5:30

श्री महाराजा हरि सिंह (एसएमएचएस) अस्पताल के एंटी-रेबीज क्लिनिक (एआरसी) में काटने के लगभग 80 प्रतिशत मामले शहरी इलाकों से आते हैं।

jk police 2024-25 dogs and cats bit 11922 people After dogs, Kashmir is now facing the threat of cats | 2024-25 में कुत्ते और बिल्ली ने 11922 लोग को काट डाले?, कुत्तों के बाद अब बिल्लियों के खतरे से जूझ रहा है कश्‍मीर

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Highlightsश्रीनगर शहर में 91,000 से अधिक कुत्तों की गिनती की गई थी, यानी हर 12 निवासियों पर एक कुत्ता। बिल्लियों के काटने के 1,086 मामले सामने आए, जबकि कुत्तों के काटने के 3,693 मामले सामने आए।2024-25 तक, बिल्लियों के काटने के मामले बढ़कर 5,717 हो गए, जो कुत्तों के काटने के लगभग बराबर 6,205 थे।

जम्‍मूः अभी तक कश्‍मीर कुत्तों के काटने के खतरे से जूझ रहा था पर अब एक नया खतरा बिल्लियों के रूप में भी सामने आने लगा है। कश्‍मीर में अब बिल्लियों की संख्‍या यूं यूं बढ़ती जा रही है वैसे वैसे उनके काटने के मामले भी बढ़ रहे हैं। यह सब है कि दशकों से, कश्मीर का रेबीज संकट आवारा कुत्तों का पर्याय रहा है। एक सर्वेक्षण में अकेले श्रीनगर शहर में 91,000 से अधिक कुत्तों की गिनती की गई थी, यानी हर 12 निवासियों पर एक कुत्ता। श्री महाराजा हरि सिंह (एसएमएचएस) अस्पताल के एंटी-रेबीज क्लिनिक (एआरसी) में काटने के लगभग 80 प्रतिशत मामले शहरी इलाकों से आते हैं।

जबकि ग्रामीण इलाकों में यह संख्या 20 प्रतिशत है। लेकिन ताजा आंकड़े एक नया मोड़ दिखाते हैं। बिल्लियां भी धीरे-धीरे इस समस्या को बढ़ा रही हैं। एआरसी के आंकड़े पिछले चार वर्षों में बिल्लियों के काटने के मामलों में तेजी से वृद्धि दर्शाते हैं। 2020-21 में, बिल्लियों के काटने के 1,086 मामले सामने आए, जबकि कुत्तों के काटने के 3,693 मामले सामने आए।

2024-25 तक, बिल्लियों के काटने के मामले बढ़कर 5,717 हो गए, जो कुत्तों के काटने के लगभग बराबर 6,205 थे। इस साल, यह रुझान उलट गया है। अप्रैल और सितंबर 2025 के बीच, क्लिनिक में कुत्तों के काटने के 3,799 और बिल्लियों के काटने के 4,394 मामले दर्ज किए गए - पहली बार बिल्लियों ने कुत्तों को पीछे छोड़ दिया है।

अगर यही रुझान जारी रहा, तो विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि मार्च 2026 तक जानवरों के काटने के कुल मामलों की संख्या 15,000 को पार कर सकती है, जो कश्मीर के इतिहास में अब तक का सबसे ज्‍यादा आंकड़ा है। एआरसी से प्राप्त आंकड़े कुत्तों के काटने के मामलों में बदलाव और उछाल की कहानी बयां करते हैं।

2020-21 में, रिकॉर्ड के अनुसार कुत्तों से जुड़े 3,693 मामले, बिल्लियों से जुड़े 1,086 मामले और अन्य श्रेणी के 19 मामले दर्ज किए गए। इससे उस वर्ष कुल संख्या 4,798 हो गई। अगले वर्ष, 2021-22 में कुत्तों के आंकड़ों में वृद्धि देखी गई, जो बढ़कर 4,850 हो गए, जबकि बिल्लियों की संख्या घटकर 602 हो गई। अन्य श्रेणी में मामूली गिरावट आई और यह 17 हो गई।

इस वर्ष कुल मिलाकर 5,469 मामले दर्ज किए गए। 2022-23 में, यह वृद्धि जारी रही और कुत्तों में 5,865 मामले दर्ज किए गए। बिल्लियों में भी 959 मामले दर्ज किए गए, और अन्य मामलों की संख्या बढ़कर 31 हो गई। इस प्रकार, वर्ष का कुल आंकड़ा 6,855 हो गया। वर्ष 2023-24 में और वृद्धि देखी गई, हालाँकि पिछले वर्षों की तुलना में बिल्लियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई।

कुत्तों की संख्या 5,386 दर्ज की गई, जबकि बिल्लियों की संख्या नाटकीय रूप से बढ़कर 2,824 हो गई। अन्य मामलों की संख्या भी बढ़कर 442 हो गई। इन सबने मिलकर वर्ष का कुल आंकड़ा 8,652 तक पहुंचा दिया। 2024-25 तक, यह आंकड़ा नए शिखर पर पहुंच गया। कुत्तों की संख्या 6,205 तक पहुंच गई, बिल्लियों की संख्या दोगुनी होकर 5,717 हो गई।

अन्य मामलों की संख्या थोड़ी बढ़कर 515 हो गई। इस वर्ष कुल संख्या उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 12,437 हो गई, जो अब तक का उच्चतम स्तर है। 2025-26 के लिए, जो अप्रैल से 28 सितंबर की अवधि को कवर करता है, आंकड़े पहले से ही पर्याप्त संख्या दर्शाते हैं। कुत्तों की संख्या 3,799, बिल्लियों की संख्या 4,394 और अन्य की संख्या 150 है, जिससे वर्ष के आधे समय में ही कुल संख्या 8,346 हो जाती है।

Web Title: jk police 2024-25 dogs and cats bit 11922 people After dogs, Kashmir is now facing the threat of cats

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