JK Assembly Elections 2024: अनुच्छेद 370 और 35ए क्या राहुल गांधी हटा रहे हैं?, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन पर सीएम योगी ने उठाए सवाल!
By राजेंद्र कुमार | Updated: August 24, 2024 18:06 IST2024-08-24T18:05:27+5:302024-08-24T18:06:40+5:30
JK Assembly Elections 2024: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राहुल गांधी बताए क्या नेकां की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन कांग्रेस करती हैं?

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लखनऊः जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेका) के बीच हुआ गठबंधन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अखरा है. यही वजह है कि भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस गठबंधन को आड़े हाथों लिया. इसके बाद शनिवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह कहा है कि अब्दुल्ला एंड संस फैमिली प्रा. लि. की नेकां और कांग्रेस के गठबंधन ने राष्ट्रविरोधी मंसूबों को देश के सामने रख दिया है. और नफरत की फसल काटने वाली कांग्रेस व नेकां की सियासी जमीन सदा के लिए बंजर हो गई है.
कांग्रेस और नेकां का गठबंधन राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अनेक बड़े सवाल खड़ा करता है और भारतीय संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा व निष्ठा रखने वाले हर व्यक्ति को चिंतित भी करता है. सीएम योगी ने नेका के घोषणा पत्र को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल भी पूछे हैं.
सीएम योगी ने राहुल से पूछे सवाल
यहां अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम योगी ने कांग्रेस और नेका के बीच हुए गठबंधन को लेकर बहुत चिंता जताई. उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर का विधानसभा चुनाव न केवल वहां के लोगों, बल्कि लोकतंत्र में आस्था रखने वाले हर भारतीय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. दुनिया भर की निगाह इस चुनाव पर लगी हुई है.
ऐसे महत्वपूर्ण चुनाव में इंडी गठबंधन का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस ने अब्दुल्ला एंड संस फैमिली प्राइवेट लिमिटेड की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके फिर से राष्ट्रविरोधी मंसूबों को देश के सामने रख दिया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में कई ऐसे बिंदु हैं, जो भारत की एकता-अखंडता व राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति आशंकित करती है.
यह दावा करते हुए सीएम योगी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी यह सवाल किया है कि क्या कांग्रेस पार्टी 'नेशनल कांफ्रेंस' के जम्मू-कश्मीर में फिर से 'अलग झंडे' के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गांधी व कांग्रेस अनुच्छेद 370 और आर्टिकल- 35ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के नेशनल कॉन्फ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है?
क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके अलगाववादी ताकतों का फिर से समर्थन करती है? क्या कांग्रेस और राहुल गांधी पाकिस्तान के साथ एलओसी ट्रेड शुरू करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय और फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद व उसके इकोसिस्टम को पोषण करने का समर्थन करती है?
क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल उपद्रवियों के परिजनों को सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है? और क्या कांग्रेस कश्मीर को ऑटोनॉमी देने की नेकां की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करती हैं?
कश्मीर में खत्म हो गया आतंकवाद और अलगाव का मुद्दा
सीएम योगी का दावा है कि जम्मू कश्मीर को जागीर समझने वाले पाकिस्तान परस्त ठेकेदार तथा कथित लीडरशिप ने कभी सोचा नहीं कि नफरत की फसल काटने वाली उनकी सियासी जमीन सदा के लिए बंजर हो चुकी है. कोई ऐसी सरकार भी आएगी जो अनुच्छेद 370 को समाप्त करेगी. यह इन लोगों को हजम नहीं हो रहा. अनुच्छेद-370 की समाप्ति के बाद जम्मू-कश्मीर की आबोहवा और मुद्दे बदल चुके हैं.
आतंकवाद और अलगाव का मुद्दा चिनाब की जलधारा में सदा के लिए विलीन हो चुका है. अब यहां विकास, रोजगार और पहचान की बात हो रही है तो यह वोट के सौदागरों को कैसे अच्छा लग सकता है. कांग्रेस की यह दुरभि संधि हमें सवाल करने को मजबूर करती है. इसलिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश के सामने इन प्रश्नों का जवाब देना चाहिए.