बिहार की मौजूदा राजनीति के लिए जीतनराम मांझी बने 'मिस्ट्री मैन', जदयू ने दिया खुला ऑफर
By एस पी सिन्हा | Published: February 24, 2019 05:14 PM2019-02-24T17:14:11+5:302019-02-24T17:14:11+5:30
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि जीतनराम मांझी महागठबंधन में परेशान हैं. अगर वे एनडीए में आना चाहते हैं तो उनका जोरदार स्वागत होगा. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मांझी ने सीएम नीतीश कुमार के धारा 370 के स्टैंड का समर्थन कर उन्होंने भी इसकी पहल शुरू कर दी है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी बिहार की वर्तमान राजनीति के लिए मिस्ट्री मैन बने हुए हैं. वे महागठबंधन में ही रहेंगे या या फिर पाला बदल लेंगे, इसको लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं. इन कयासों को रविवार को और बल मिला जब जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने उन्हें एनडीए में शामिल होने का खुला ऑफर दे दिया.
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि जीतनराम मांझी महागठबंधन में परेशान हैं. अगर वे एनडीए में आना चाहते हैं तो उनका जोरदार स्वागत होगा. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मांझी ने सीएम नीतीश कुमार के धारा 370 के स्टैंड का समर्थन कर उन्होंने भी इसकी पहल शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि अगर वे एनडीए में आएंगे तो उन्हें पर्याप्त तवज्जो मिलेगा. इस बीच बिहार कांग्रेस ने जदयू के इस ऑफर पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
पार्टी के विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि जिस थाली को मांझी जी ने ठुकरा दिया है, वे दोबारा उस थाली में भोजन नही करेंगे. उन्होंने कहा कि जल्दी ही मांझी जी की नाराजगी दूर कर दी जाएगी. यहां बता दें कि शनिवार को रिम्स के पेइंग वार्ड में लालू यादव से मिलने हम नेता जीतनराम मांझी, राजद उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और राज्यसभा सांसद अशफाक करीम पहुंचे थे. लालू से मुलाकात भी महागठबंधन में सीट शेयरिंग का आखिरी फॉर्मूला नहीं निकल पाया है. हालांकि ये जरूर कहा गया है कि तीन-चार दिनों में इसका हल निकाल लिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि मांझी कांग्रेस से अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं. वे बता रहे हैं कि बिहार में हम का जनाधार कांग्रेस से ज्यादा इसलिए उन्हें कांग्रेस से अधिक सीटें चाहिए. वहीं, मांझी ने लालू यादव से मुलाकात के बाद कहा कि बिहार में प्रस्तावित महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर हम लोग चिंतित हैं क्योंकि महागठबंधन के सभी घटकों को चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारने के लिए सम्मानजनक सीटें मिलनी चाहिए.
मांझी ने कहा कि लालू यादव ने महागठबंधन के सभी घटक दलों से मिल-बैठकर सीटों के तालमेल पर बातचीत करने को कहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन में कोई तकरार है, मांझी ने कहा कि महागठबंधन के सदस्यों में कोई भी विवाद नहीं है, लेकिन सभी के सम्मान की रक्षा होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि लालू स्वयं राजद, कांग्रेस, हम तथा अन्य छोटे दलों के बीच चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे पर शीघ्र बैठक किये जाने के पक्षधर हैं. इस बीच सीटों के बंटवारे को लेकर मीडिया में आ रही तरह तरह की खबरों का मांझी ने खंडन किया और कहा कि अभी कोई फार्मूला तय ही नहीं हुआ है तो सीटें कैसे तय हो जायेंगी?
मांझी ने कहा, कि यदि हम मिलकर लड़ेंगे तो हम निश्चित तौर पर राजग को परास्त करेंगे लेकिन यदि हम अलग-अलग लड़े तो राजग नहीं हारेगा और यह देश के लिए बड़ा नुकसान होगा. बहरहाल, देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की वर्तमान राजनीति के लिए 'मिस्ट्री मैन' बने मांझी का अगला रुख क्या होगा?