झारखंडः युवा विधायक बनीं अंबा प्रसाद का सपना रह गया अधूरा, बनना चाहतीं थीं आईएएस अधिकारी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 27, 2019 11:24 IST2019-12-27T11:24:18+5:302019-12-27T11:24:18+5:30

अंबा ने कहा, देश के लाखों युवाओं की तरह मेरा सपना भी यूपीएससी परीक्षा पास कर अधिकारी बनने का था. इसी वजह से मैंने दिल्ली में रहकर तैयारी की और एक बार प्रारंभिक परीक्षा पास भी की.

Jharkhand: Young MLA Amba Prasad's dream was incomplete, she wanted to become an IAS officer | झारखंडः युवा विधायक बनीं अंबा प्रसाद का सपना रह गया अधूरा, बनना चाहतीं थीं आईएएस अधिकारी

झारखंडः युवा विधायक बनीं अंबा प्रसाद का सपना रह गया अधूरा, बनना चाहतीं थीं आईएएस अधिकारी

Highlightsदिल्ली में यूपीएससी की तैयारी में बीच में ही छोड़कर घर लौटना पड़ा.अंबा ने कहा, देश के लाखों युवाओं की तरह मेरा सपना भी यूपीएससी परीक्षा पास कर अधिकारी बनने का था.

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा की तैयारी बीच में ही छोड़कर राजनीति में कदम रखने और हालिया झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सबसे कम उम्र की विधायक बनने वाली अंबा प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने का सपना अधूरा रहने का उन्हें हमेशा मलाल रहेगा. राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली 28 वर्षीय अंबा झारखंड के बड़कागांव विधानसभा सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आजसू पार्टी के प्रत्याशी रोशनलाल चौधरी को हरा कर जीत दर्ज की.

अंबा ने कहा, देश के लाखों युवाओं की तरह मेरा सपना भी यूपीएससी परीक्षा पास कर अधिकारी बनने का था. इसी वजह से मैंने दिल्ली में रहकर तैयारी की और एक बार प्रारंभिक परीक्षा पास भी की. हालात ऐसे बन गए कि मुझे राजनीति में कदम रखना पड़ा है और मैं यूपीएससी परीक्षा पास नहीं कर सकी. मेरा यह सपना अधूरा रह गया, इसका मलाल मुझे हमेशा रहेगा.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने राजनीतिक आदर्श के तौर पर देखने वाली अंबा कहती हैं, चाहे शहर हो या गांव, हर जगह युवा परेशान हैं. हमारी लड़ाई तो जल, जंगल और जमीन की है. इसी बुनियाद पर झारखंड की जनता ने हमें आशीर्वाद दिया है. हमें आशा है कि नई सरकार राज्य की जनता की अकांक्षाओं को पूरा करेगी.

ऐसी आईं राजनीति में अंबा

एलएलबी की डिग्री रखने वाली अंबा के मुताबिक उनके पिता योगेंद्र साहू 2009 में और मां निर्मला देवी ने 2014 में चुनाव जीता था, लेकिन 'कफन सत्याग्रह' के दौरान माता-पिता को जेल भेज दिया गया. बाद में उनके भाई पर भी मुकदमा हो गया. इसके बाद दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी में बीच में ही छोड़कर घर लौटना पड़ा. घर लौट कर अंबा प्रसाद ने हजारीबाग कोर्ट में ही वकालत शुरू कर दी और माता-पिता और भाई पर दर्ज मुकदमों को उन्होंने देखना शुरू कर दिया.

Web Title: Jharkhand: Young MLA Amba Prasad's dream was incomplete, she wanted to become an IAS officer

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