चारा घोटाला केसः लालू यादव को रिम्स के पेइंग वार्ड से निदेशक के बंगले में शिफ्ट करने पर झारखंड हाईकोर्ट ने पूछा- इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

By एस पी सिन्हा | Updated: December 4, 2020 20:49 IST2020-12-04T20:47:51+5:302020-12-04T20:49:09+5:30

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने सरकार को यह बताने को कहा है कि लालू प्रसाद को पेइंग वार्ड से निदेशक बंगले में शिफ्ट करने का निर्णय किसका था.

jharkhand rjd head lalu prasad yadav transferring director bungalow high court asked decision | चारा घोटाला केसः लालू यादव को रिम्स के पेइंग वार्ड से निदेशक के बंगले में शिफ्ट करने पर झारखंड हाईकोर्ट ने पूछा- इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

कोर्ट ने यह भी पूछा कि एक कैदी से लोग बडे़ आसानी से मिलते हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (file photo)

Highlightsलालू प्रसाद की जमानत पर फैसला 11 दिसंबर को होगा.लालू प्रसाद की ओर से दावा किया गया कि वे 42 माह 28 दिन की सजा काट चुके हैं.

रांचीः झारखंड की राजधानी रांची के रिम्स में इलाजरत राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के मामले में आज झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार से रिपोर्ट देने को कहा.

चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को रिम्स के पेइंग वार्ड से निदेशक के बंगला और फिर वहां से पेइंग वार्ड शिफ्ट करने पर हाईकोर्ट ने हेमंत सरकार से जवाब मांगा है. यही नहीं कोर्ट ने सेवादार के नियुक्ति को लेकर भी जवाब मांगा है.

लालू को कोरोना से बचाने के लिए पेइंग वार्ड से निदेशक के बंगले पर शिफ्ट किया गया था. यहां पर लालू से मिलने के लिए नेताओं की भीड लगती थी. कई फोटो भी वायरल हो चुका है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि किसके निर्णय से लालू प्रसाद यादव को इधर-उधर शिफ्ट किया जा रहा है. साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा कि एक कैदी से लोग बडे़ आसानी से मिलते हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

लालू प्रसाद यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने हेमंत सरकार से जवाब मांगा है. 18 दिसंबर को इस मामले पर सुनवाई होने वाली है. इस दौरान सरकार को जवाब देना है. हाईकोर्ट ने तीन माह के अंदर मिलने वाले की सूची भी मांगी थी. जो नहीं दी गई थी.

जिसको लेकर न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने कारा महानिरीक्षक और बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए रिपोर्ट मांगी थी. आज कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव से जुडे मामले की सुनवाई करते हुए जेल प्रशासन और रिम्स द्वारा दायर किये गये जवाब से असंतुष्ट दिखे. कोर्ट ने राज्य सरकार से अगली सुनवाई से पहले बिंदुवार जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही मामले में सहयोग करने के लिए सरकार के अधिवक्ता को उपस्थित रहने को कहा है. 

यहां उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए विधायकों को लालू प्रसाद यादव के कॉल करने का ऑडियो वायरल होने के बाद बिहार से लेकर झारखंड में राजनीति तेज हो गई थी. फजीहत के बाद झारखंड जेल आईजी वीरेंद्र भूषण ने इस मामले की जांच का आदेश दे दिया था.

जेल आईजी ने रांची डीसी और एसएसपी के साथ ही रांची जेल के अधीक्षक को भी कहा कि जो मीडिया में ऑडियो चल रहा है उसकी जांच कर रिपोर्ट सौंपी जाए. वही, इसको लेकर भाजपा ने हाईकोर्ट में केस भी दर्ज किया है. हाईकोर्ट ने चारा घोटाला केस में लालू प्रसाद यादव के जमानत की सुनवाई 11 दिसंबर को होने वाली है. 

Web Title: jharkhand rjd head lalu prasad yadav transferring director bungalow high court asked decision

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