सारंडा क्षेत्र के समर्थन में सड़कों पर उतरे लोग, सीएम हेमंत सोरेन बोले- "जिन्होंने जंगल बसाया उन्हें नियमों में बांधकर परेशान न किया जाए"

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 15, 2025 12:10 IST2025-10-15T12:04:40+5:302025-10-15T12:10:32+5:30

Jharkhand: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बात पर जोर दिया कि सदियों से वनवासी रहे अनुसूचित जनजातियों के जीवन को परेशान नहीं किया जाना चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।

Jharkhand People took to streets in support of the Saranda region CM Hemant Soren said Those who established the forest should not be harassed by rules | सारंडा क्षेत्र के समर्थन में सड़कों पर उतरे लोग, सीएम हेमंत सोरेन बोले- "जिन्होंने जंगल बसाया उन्हें नियमों में बांधकर परेशान न किया जाए"

सारंडा क्षेत्र के समर्थन में सड़कों पर उतरे लोग, सीएम हेमंत सोरेन बोले- "जिन्होंने जंगल बसाया उन्हें नियमों में बांधकर परेशान न किया जाए"

Jharkhand: जिस लड़ाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उच्चतम न्यायालय में लड़ रहे हैं उसी के समर्थन में आज कोल्हान -सारंडा क्षेत्र के लोग सड़क पर उतरे। सारंडा जंगल क्षेत्र में रह रहे लोगों पर किसी भी ढंग की आँच नहीं आने दी जाएगी। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री की मुख्य चिंता सारंडा क्षेत्र में रह रहे लोग हैं। विरासत में मिले विवादों को सुलझा रहे हैं। सीएम ने कहा, मेरी मुख्य चिंता है सारंडा क्षेत्र में रह रहे लोग। मेरी लड़ाई ही इसी की है कि आखिर जंगल को जिन्होंने लगाया, जिन्होंने उसे बचाया, उन्हें ये नियम - कानून परेशान नहीं करें। आखिर कब तक हम आदिवासियों को नियमों में बांधकर परेशान करते रहा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लड़ रहे हैं एवं लड़ते रहेंगे, लड़ते रहेंगे वहां के लोगों के अधिकारी की रक्षा के लिए, खनिज संसाधन को कुछ समय तक नजरअंदाज भी कर सकते हैं लेकिन लोगों के अधिकार से कोई समझौता नहीं होगा। हमारी सरकार उस क्षेत्र में रह रहे लोगों के अधिकार की रक्षा करने के शर्त के साथ कोर्ट जा रही है। कोर्ट का निर्णय मानेंगे तब जब हमारी इन मानवीय निर्णयों पर विचार किया जाएगा और दूसरी तरफ बता दूं कि यह लड़ाई वहां के लोगों के साथ - साथ मेरी भी है, हम हर संभव इसे जीतने का प्रयास करेंगे।

Web Title: Jharkhand People took to streets in support of the Saranda region CM Hemant Soren said Those who established the forest should not be harassed by rules

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