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Jharkhand Minister Alamgir Alam Jail: एक्शन में सीएम चंपई सोरेन, जेल में बंद कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम से वापस लिया विभाग, खुद देखेंगे मुख्यमंत्री

By एस पी सिन्हा | Updated: June 8, 2024 14:24 IST

Jharkhand Minister Alamgir Alam Jail: ईडी द्वारा टेंडर कमीशन घोटाला में उन्हें गिरफ्तार करने तथा रिमांड में पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।

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ठळक मुद्देआलमगीर आलम पिछले करीब एक महीने से जेल में बंद हैं। आलम के जेल जाने के बाद इन विभागों का कामकाज पूरी तरह ठप था।ग्रामीण विकास तथा ग्रामीण कार्य का बजट बड़ा है।

Jharkhand Minister Alamgir Alam Jail: ईडी के द्वारा टेंडर आवंटन कमीशन घोटाला मामले में झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम को जेल भेज दिए जाने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा नही दिए जाने के कारण  में बंद सरकार ने उनसे सभी विभाग वापस ले लिए हैं। उनके अधीन ग्रामीण विकास के अलावा संसदीय कार्य विभाग था। मंत्री के जेल में बंद होने की वजह से विभागीय कामकाज प्रभावित हो रहा था। इसके बाद मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने उनसे सभी विभाग अब जिम्मे ले लिया है। सभी विभाग अब मुख्यमंत्री खुद देखेंगे।

आलमगीर आलम पिछले करीब एक महीने से जेल में बंद हैं। अब बीच का रास्ता निकालते हुए उन्हें बगैर पोर्टफोलियो के मंत्री रहने दिया गया है। ईडी द्वारा टेंडर कमीशन घोटाला में उन्हें गिरफ्तार करने तथा रिमांड में पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। मंत्री आलमगीर आलम के जेल जाने के बाद इन विभागों का कामकाज पूरी तरह ठप था।

उनके पास सभी विभाग काफी महत्वपूर्ण थे। खासकर ग्रामीण विकास तथा ग्रामीण कार्य का बजट बड़ा है। मानसून से पहले इन विभागों में अधिसंख्य कार्य पूरे किए जाने हैं।आलमगीर आलम अब बिना विभाग के मंत्री हो गए हैं। इसे उनके ऊपर इस्तीफे के दबाव के तौर पर भी देखा जा रहा है। बताया जाता है कि इस संबंध में कांग्रेस आलाकमान की हरी झंडी मिलने के बाद जल्द निर्णय हो सकता है।

कांग्रेस के भीतर खाने इसे लेकर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद सरकार के बारे में गलत संदेश गया। चुनाव में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। कांग्रेस के प्रदर्शन पर भी असर पड़ा। भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया तो पार्टी को बैकफुट पर आना पड़ा। आलमगीर आलम की हैसियत राज्य की सरकार में मुख्यमंत्री के बाद नंबर दो मंत्री की रही है।

उनके जिम्मे ग्रामीण विकास, पंचायती राज, ग्रामीण कार्य के अलावा संसदीय कार्य विभाग भी था। इधर, मुख्यमंत्री द्वारा उनसे विभागों को वापस लेने को बड़ा निर्णय के रूप में देखा जा रहा है। अब सवाल उठ रहा है कि आलमगीर बिना विभाग के मंत्री पद पर बने रहेंगे या फिर मंत्री पद से इस्तीफा देंगे।

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