झारखंड में लेक्चरर नियुक्ति घोटाला: रांची महिला कॉलेज में सीबीआई रेड, प्रोफेसर ममता केरकेट्टा को लिया हिरासत में
By एस पी सिन्हा | Updated: March 9, 2021 20:11 IST2021-03-09T20:10:18+5:302021-03-09T20:11:47+5:30
सीबीआई ने 30 सितंबर 2019 को 69 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। इनमें 59 व्याख्याता शामिल हैं। यह नियुक्ति घोटाला 2008 में हुआ था।

सीबीआइ के आरोप पत्र पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था। (file photo)
रांचीः झारखंड की राजधानी रांची स्थित महिला कॉलेज में सीबीआई ने आज छापा मारा। मामला व्याख्याता नियुक्ति घोटाले से जुड़ा है।
सीबीआई ने एक प्रोफेसर ममता केरकेट्टा को हिरासत में लिया है। ममता अंग्रेजी की शिक्षिका हैं। 2008 में इनकी नियुक्ति हुई थी। इसके पहले कोर्ट ने नोटिस जारी कर हाजिर होने का निर्देश दिया था, लेकिन हाजिर नहीं होने के चलते ममता केरकेट्टा के खिलाफ गैर जमानती वारंट निकला था।
बताया जाता है कि सीबीआइ ने पूर्व में आरोप पत्र दाखिल किया था, सीबीआइ के आरोप पत्र पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था। सीबीआइ ने आरोप पत्र में लिखा था कि जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप कुमार प्रसाद ने व्याख्याता नियुक्ति से संबंधित मेरिट लिस्ट तैयार करने की जिम्मेदारी निजी एजेंसी ग्लोबल इंफॉर्मेटिक्स को दी थी.
इसके बाद ही मेरिट लिस्ट में छेड़छाड़ करते हुए कई अयोग्य अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करा दिया गया। मेरिट लिस्ट जेपीएससी की तत्कालीन सचिव सह परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी के पास थी, 29 मार्च 2007 को दिलीप प्रसाद ने एलिस उषा रानी को मेरिट लिस्ट का चार्ट एजेंसी को देने का निर्देश दिया था।
इसके बाद लिस्ट दोबारा अपने हिसाब से तैयार कर अभ्यर्थियों की रैंकिंग सुधारी गई, जबकि नियम के मुताबिक मेरिट लिस्ट प्राइवेट एजेंसी को नहीं दे सकते हैं। चार्जशीट के अनुसार मेरिट लिस्ट में अंकों की हेराफेरी में एलिस उषा रानी व ग्लोबल इंफॉर्मेटिक्स के कर्मचारी धीरज कुमार की भूमिका थी।
सीबीआई ने बीते एक अक्टूबर 2019 में लेक्चरर नियुक्ति घोटाले की जांच पूरी करने के बाद कुल 69 लोगों पर चार्जशीट दायर किया था। इनमें जेपीएससी के पांच अधिकारी, 59 परीक्षार्थी और पांच परीक्षक शामिल हैं। सीबीआइ की जांच में 13 विषयों में व्याख्याता के पद पर बहाली में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई थी।
व्याख्याता नियुक्ति घोटाला में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप कुमार प्रसाद, सचिव सह परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी सिंह, सदस्य गोपाल प्रसाद सिंह, राधा गोविंद नागेश, शांति देवी के अलावा उषा रानी सिंह के कर्मचारी धीरज कुमार, ग्लोबल इंफार्मेटिक्स एजेंसी एवं 62 लेक्चरर शामिल हैं।
पूरा मामला केस संख्या आरसी 4/13 से जुड़ा है। साल 2008 में जेपीएससी ने 745 व्याख्याता की बहाली के लिए जेट परीक्षा का आयोजन किया था। इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने केस को सीबीआइ को सौंप दिया था।