झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की बढ़ी मुश्किलें, हाईकोर्ट ने सोरेन परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर बनी कंपनियों को जारी किया नोटिस
By एस पी सिन्हा | Published: April 22, 2022 03:55 PM2022-04-22T15:55:52+5:302022-04-22T15:55:52+5:30
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, परिवार, भाई विधायक बसंत सोरेन एवं रिश्तेदारों के नाम पर बनी कंपनियों के मामले में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को अदालत ने प्रतिवादी बनाकर नोटिस जारी किया है।
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन एक बार फिर मुश्किल में फंसते दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, परिवार, भाई विधायक बसंत सोरेन एवं रिश्तेदारों के नाम पर बनी कंपनियों के मामले में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को अदालत ने प्रतिवादी बनाकर नोटिस जारी किया है। झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ रवि रंजन व न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई की।
अदालत ने इनसे संबंधित लोगों द्वारा 300 से ज्यादा कंपनी बनाकर अवैध कमाई निवेश करने के मामले में सुनवाई करते हुए रजिस्टार ऑफ कंपनीज को प्रतिवादी बनाया है। अदालत ने वादी की ओर से कोर्ट में पेश किए गए कंपनियों की जांच कर रिपोर्ट 2 सप्ताह में मांगी है। कोर्ट में ईडी को भी इसकी जानकारी देने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शिव शंकर शर्मा ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इसके जरिए उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के रिश्तेदारों के नाम पर दर्जनों कंपनियों का निर्माण कर बड़े पैमाने पर निवेश करने का आरोप लगाया है।
प्रार्थी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि सरकार के नजदीकी अमित अग्रवाल और रवि केजरीवाल के सगे संबंधी ही इस तरह की कंपनी चलाते हैं। जिनमें झारखंड से कमाई गई राशि को निवेश कर होटल, माल सहित अन्य एसेट खरीदा गया है।
प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से 28 ऐसी कंपनियों का नाम कोर्ट में दिया गया है, जो मुखौटा कंपनियां हैं, जिनमें पैसा निवेश किया गया है। इसके अलावा प्रार्थी ने पूरक शपथ पत्र दायर कर लगभग 200 से अधिक कंपनियों की सूची देते हुए कहा है कि इन कंपनियों में भी इन्हीं लोगों का पैसा लगा हुआ है। इसी पर अदालत ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को प्रतिवादी बनाते हुए इन कंपनियों का जांच करने का निर्देश दिया है।