Defamation Case: झारखंड के चाईबासा में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 2018 के मानहानि मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने राहुल गांधी को 26 जून को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है।
यह मामला 2018 में कांग्रेस पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी से उपजा है, जिसमें उन पर तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
चाईबासा निवासी प्रताप कटियार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, गांधी ने टिप्पणी की थी कि "कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता। कांग्रेसी एक हत्यारे को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते, यह केवल भाजपा में ही संभव है।"
शिकायतकर्ता ने इसे अमित शाह के प्रति अपमानजनक बयान माना और 9 जुलाई 2018 को शिकायत दर्ज कराई। अप्रैल 2022 में चाईबासा कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ कोई जवाब न मिलने पर जमानती वारंट जारी किया था।
हालांकि, जब गांधी जवाब देने में विफल रहे, तो कोर्ट ने मामले को आगे बढ़ाया और फरवरी 2024 में गैर-जमानती वारंट जारी किया। गांधी की कानूनी टीम ने चाईबासा कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट मांगी, लेकिन याचिका खारिज कर दी गई।
राहुल गांधी के खिलाफ सुल्तानपुर कोर्ट में मानहानि का केस भी चल रहा है। 17 मई को वकीलों की कार्यशाला होने के कारण इस केस की सुनवाई नहीं हो सकी थी। पिछले साल जुलाई में वे सुल्तानपुर कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए थे। यह मानहानि केस भी राहुल गांधी द्वारा अमित शाह के खिलाफ की गई टिप्पणी से जुड़ा है।
इसके बाद कांग्रेस नेता ने झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने उन्हें अंतरिम राहत दी और कई महीनों के लिए वारंट पर रोक लगा दी। हालांकि, मार्च 2024 में उच्च न्यायालय ने याचिका का निपटारा कर दिया, जिससे निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई का रास्ता साफ हो गया।
सुनवाई फिर से शुरू होने के बाद, गांधी के वकील ने फिर से व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट का अनुरोध किया, जिसे एक बार फिर चाईबासा कोर्ट ने खारिज कर दिया।