झारखंड: जज उत्तम आनंद की हत्या में कोर्ट ने तय किया आरोप, अगली सुनवाई 22 फरवरी को

By एस पी सिन्हा | Updated: February 2, 2022 18:29 IST2022-02-02T18:22:54+5:302022-02-02T18:29:36+5:30

सीबीआई ने बीते 31 जनवरी 2022 को कोर्ट से अनुमाति मांगी थी कि वो जेल में जाकर दोनों आरोपियों से जज हत्याकांड में एक बार फिर पूछताछ करना चाहती है

Jharkhand: Court frames charges in the murder of Judge Uttam Anand, next hearing on February 22 | झारखंड: जज उत्तम आनंद की हत्या में कोर्ट ने तय किया आरोप, अगली सुनवाई 22 फरवरी को

झारखंड: जज उत्तम आनंद की हत्या में कोर्ट ने तय किया आरोप, अगली सुनवाई 22 फरवरी को

Highlightsजज उत्तम आनंद की हत्या 28 जुलाई की सुबह उस वक्त हुई जब वो सुबह की सैर कर रहे थेधनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर सुबह लगभग 5 बजे एक ऑटो ने जज आनंद को धक्का मार दिया थाझारखंड सरकार ने जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी

धनबाद:झारखंड में धनबाद में पदस्थापित एडीजे एवं सेशन जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में स्पेशल कोर्ट ने जेल में बंद आरोपियों राहुल वर्मा और लखन वर्मा के खिलाफ हत्या और साक्ष्य छुपाने का आरोप तय कर दिया है।

जबकि सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज रजनीकांत पाठक ने मामले में सीबीआई को आदेश दिया था कि वो उनकी कोर्ट में इस केस से संबंधित गवाह को पेश करें। सीबीआई ने जज हत्याकांड में दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या, सबूत मिटाने और सामान्य इरादे के तहत अपराध करने का मामला दर्ज किया है।

मालूम हो कि इसके पहले 24 नवंबर 2021 को ऑटो चोरी के मामले में सीबीआई के स्पेशल जज की कोर्ट ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध ऑटो चोरी का आरोप तय किया था। अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 फरवरी को तय की गई है।

इससे पहले सीबीआई ने बीते 31 जनवरी 2022 को जेल में जाकर दोनों आरोपियों से घंटों पूछताछ की थी। हालांकि, सीबीआई ने कोर्ट से 3 फरवरी तक पूछताछ के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने सीबीआई को 29 से 31 जनवरी तक का ही समय दिया था। जिसके बाद सीबीआई ने 31 जनवरी को दोनों आरोपियों से घंटो पूछताछ की थी।

जज उत्तम आनंद की हत्या 28 जुलाई की सुबह धनबाद में हुई थी। जब वह घर से सुबह की सैर पर निकले थे। जज आनंद को धनबाद शहर के रणधीर वर्मा चौक पर सुबह 5 बजकर 8 मिनट पर एक ऑटो ने धक्का मार दिया था। हादसे के बाद जब जज आनंद को अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।

इसके बाद पुलिस ने अपनी पड़ताल में घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो पता चला कि जज आनंद को जानबूझकर ऑटो से धक्का मारा गया था। इस घटना को सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। वहीं मामले की जांच पहले लोकल पुलिस फिर एसआईटी ने की लेकिन कोर्ट के सख्त तेवर को देखते हुए झारखंड सरकार की मामले की जांच के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी।

मामले में जांच करते हुए 20 अक्टूबर को सीबीआई ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर कर दिया था। लेकिन इसके वाबजूद झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि जांच-पड़ताल की स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि सीबीआई अब इस मामले से अपना पिंड छुडाना चाहती है।

वहीं, कोर्ट को दिए आवेदन में सीबीआई ने कहा था कि अनुसंधान के दौरान कुछ नए लीड मिले हैं, जिससे इस हत्याकांड के पीछे गहरी साजिश और मास्टरमाइंड के विषय में कई नई जानकारी मिली है। सीबीआई ने कहा था कि यदि इस हत्याकांड में गहरी साजिश है तो पूछताछ में कुछ नया तथ्य सामने आ सकता है।

मालूम हो कि इसके पहले भी सीबीआई दो बार आरोपियों का नारको टेस्ट भी करा चुकी है परंतु उसके वाबजूद सीबीआई अब तक हत्या के पीछे के मास्टरमाइंड का पता नहीं लगा पाई। 

Web Title: Jharkhand: Court frames charges in the murder of Judge Uttam Anand, next hearing on February 22

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