जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आरसीपी का नाम लिए बगैर बताया भाजपा का एजेंट
By एस पी सिन्हा | Updated: November 2, 2022 20:12 IST2022-11-02T20:12:08+5:302022-11-02T20:12:08+5:30
आरसीपी सिंह की तरफ इशारा करते हुए ललन सिंह ने कहा कि भाजपा ने हमारी पार्टी में भी एक एजेंट छोड़ा था, आज वह सड़क की खाक छानते हुए नजर आ रहे हैं। उन्हें भी भाजपा ने अपनी पार्टी में शामिल नहीं किया है।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आरसीपी का नाम लिए बगैर बताया भाजपा का एजेंट
पटना: जदयू और राजद के विलय की खबरों पर अब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पूर्ण विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को बोलने दीजिए। 6 नवंबर के बाद वे नहीं बोलेंगे। भाजपा ऐसी पार्टी है, जो यूज एंड थ्रो में विश्वास करती है। 2020 के चुनाव में उन्होंने चिराग पासवान का इस्तेमाल किया। जब जरुरत पूरी हो गई तो उन्हे छोड़ दिया।
आरसीपी सिंह की तरफ इशारा करते हुए ललन सिंह ने कहा कि भाजपा ने हमारी पार्टी में भी एक एजेंट छोड़ा था, आज वह सड़क की खाक छानते हुए नजर आ रहे हैं। उन्हें भी भाजपा ने अपनी पार्टी में शामिल नहीं किया है। ललन सिंह ने कहा कि ''जरा 2020 का विधानसभा चुनाव याद कर लीजिए''।
2020 के चुनाव में इस देश के प्रधानमंत्री ने बिहार विधानसभा चुनाव में 42 आम सभाएं की थी। सीटें 53 मिली थी। उनके नंबर-2 के नेता गृह मंत्री अमित शाह, उन्होंने भविष्यवाणी किया था कि जिस दिन गिनती होगी उस दिन इतने बजे नीतीश कुमार राजभवन जाएंगे और इस्तीफा देंगे। उसके बाद भाजपा की सरकार बनेगी। लेकिन वोट की गिनती जब हुआ तो बोलने का मौका ही नहीं मिला, बिल में घुस गए।
दरअसल, ललन सिंह बात तो विधानसभा चुनाव 2015 की कर रहे थे, लेकिन बोल रहे थे 2020 विधानसभा चुनाव। उन्होंने कहा कि महागठबंधन इतना मजबूत है कि इसे हराना भाजपा के वश की बात नहीं है। वह सिर्फ अपनी जीत के दावे कर सकते हैं।
ललन सिंह ने डॉ संजय जायसवाल के द्वारा राजद के गोपालगंज प्रत्याशी को शराब माफिया बताए जाने पर कहा कि वह खुद राजद के प्रखंड अध्यक्ष रहे। राजद ने टिकट दिया तो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। मैं एक प्रखंड अध्यक्ष की बातों को जवाब देना जरुरी नहीं समझता।
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि सुशील मोदी ने बयान दिया है तो ललन सिंह भड़क गए। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी व्याकुल हैं। उन्होंने जदयू में एक एजेंट अप्पॉइंट किया था। लेकिन वे पकड़े गए। सुशील मोदी को चिंता करने की जरुरत नहीं है।