Jamui Teacher: स्पेलिंग मिस्टेक और कट गई सैलरी, शिक्षकों का वेतन कटने पर बवाल, पढ़िए लेटर
By एस पी सिन्हा | Updated: May 30, 2024 17:06 IST2024-05-30T17:05:09+5:302024-05-30T17:06:56+5:30
Jamui Teacher: निरीक्षण के बाद 16 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय ज्ञापांक 3755 दिनांक 22 मई 2024 को एक कार्यालय आदेश निर्गत किया गया।

सांकेतिक फोटो
Jamui Teacher: बिहार का शिक्षा विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल, जमुई में जिला में शिक्षकों का वेतन इस कारण से काट दिया गया क्योंकि उनका बेड परफॉर्मेंस ठीक नहीं था। विभाग के इस आदेश के बाद बवाल मच गया। लेकिन पता चला कि शिक्षा कार्यालय से जारी आदेश में एक अंग्रेजी शब्द में हुई स्पेलिंग मिस्टेक ने हलचल मचा दिया। अब जमुई जिला शिक्षा कार्यालय से जारी आदेश पत्र में एक अंग्रेजी शब्द में गलत स्पेलिंग की वजह से शिक्षा विभाग की खूब आलोचना हो रही है और विभाग ऑनलाइन ट्रोलर्स के निशाने पर है। जिस शब्द को लेकर बवाल मच रहा है वो अंग्रेजी का बेड (बिस्तर) शब्द है, जबकि इसकी जगह बैड (खराब) परफॉर्मेंस लिखा जाना था। बताया जाता है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते कई स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था।
इस दौरान कई शिक्षक गैरहाजिर पाए गए। अधिकारियों ने असंतोषजनक प्रदर्शन करने वाले कई और शिक्षकों की भी पहचान की थी। निरीक्षण के बाद, जमुई में जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने 16 शिक्षकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का उल्लेख करते हुए एक पत्र जारी किया। निरीक्षण के बाद 16 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय ज्ञापांक 3755 दिनांक 22 मई 2024 को एक कार्यालय आदेश निर्गत किया गया। पत्र में उल्लेख किया गया कि शिक्षकों के 'बेड परफॉर्मेंस' (बिस्तर पर प्रदर्शन) के कारण उनके वेतन में कटौती की जा रही है।
जबकि यहां पर 'बैड परफार्मेंस' (खराब प्रदर्शन) लिखा जाना था। सबसे मजेदार बात तो यह है कि पत्र यह गलती 14 बार दोहराई गई थी। इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार किया।
लेकिन जैसे ही मामला सामने आया तो विभाग ने अपनी गलती को तुरंत सुधार करते हुए कार्यालय के द्वारा ज्ञापांक 3758 के एक शुद्धि पत्र जारी कर दिया गया। जहां विद्यालय के नाम की जगह शिक्षकों का नाम लिखा गया है। ऐसे में जिला शिक्षा के ज्ञान और उनके द्वारा बगैर देखे पत्र पर हस्ताक्षर करने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
