कश्मीर में नहीं बचे आतंकियों के कमांडर, भाड़े के आतंकियों से आईएसआई चला रही काम

By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 12, 2023 04:06 PM2023-09-12T16:06:33+5:302023-09-12T16:07:22+5:30

वे मानते थे कि विदेशी आतंकियों को अब जम्मू संभाग के अन्य हिस्सों में आतंकवाद फैलाने का टास्क दिया गया है। यह इससे भी स्पष्ट होता था कि इस साल मारे गए 37 विदेशी आतंकियों में से 29 को जम्मू संभाग की पीर पंजाल रेंज के इलाकों में मारा गया था।

jammu kashmir There are no commanders of terrorists left in Kashmir ISI is running the work with hired terrorists | कश्मीर में नहीं बचे आतंकियों के कमांडर, भाड़े के आतंकियों से आईएसआई चला रही काम

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के मोर्चे से खुशी वाली खबर यह है कि 34 सालों से फैले आतंकवाद को चलाने की खातिर अब पाकिस्तान को कोई आतंकी कमांडर नहीं मिल रहा है। न ही स्थानीय और न ही विदेशी।

जो कमांडर थे वे या तो मारे जा चुके हैं या फिर अंडरग्राउंड हो चुके हैं। यही नहीं अब कश्मीर में स्थानीय युवकों का पाकिस्तान तथा आतंकवाद की ओर से मोहभंग हो जाने के कारण पाक सेना की खुफिया संस्था आईएसआई सिर्फ विदेशी भाड़े के सैनिकों पर ही विश्वास कर रही है।

इसकी पुष्टि सेना भी करती थी। सेना के बकौल, कश्मीर में इस साल 46 आतंकी मारे गए हैं। पिछले 34 सालों के आतंकवाद के इतिहास में यह आंकड़ा सबसे कम है और इसमें भी खुशी की बात यह है कि इनमें सिर्फ 9 ही स्थानीय युवक थे और बाकी सभी विदेशी आतंकी थे।

सेना की उत्तरी कमांड के सेनानायक ले जनरल उपेंद्र द्विवेदी पत्रकारों से बात करते हुए इसके प्रति खुशी जाहिर करते थे कि अब स्थानीय युवकों का आतंकवाद तथा पाकिस्तान के प्रति मोहभंग हो रहा है। हालांकि इसके लिए वे सभी सुरक्षाबलों के संयुक्त प्रयासों को श्रेय देते थे। वे इस पर चुप्पी साध लेते थे कि क्या सब सब धारा 370 को हटाए जाने का परिणाम है।

हालांकि उनकी चिंता का विषय विदेशी आतंकियों द्वारा अपने ठिकाने बदल लिए जाने के प्रति था। वे मानते थे कि विदेशी आतंकियों को अब जम्मू संभाग के अन्य हिस्सों में आतंकवाद फैलाने का टास्क दिया गया है। यह इससे भी स्पष्ट होता था कि इस साल मारे गए 37 विदेशी आतंकियों में से 29 को जम्मू संभाग की पीर पंजाल रेंज के इलाकों में मारा गया था।

वे कहते थे कि मारे गए सभी आतंकी समान्य आतंकी थे और उनमें से कोई भी कमांडर स्तर का नहीं था जिससे यह साबित होता था कि कश्मीर में अब कोई आतंकी कमांडर बनने को तैयार नहीं है और यह सुरक्षाबलों की मेहनत का ही फल है।

Web Title: jammu kashmir There are no commanders of terrorists left in Kashmir ISI is running the work with hired terrorists

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